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Mega Auction में भेड़-बकरियों जैसा किया जाता है व्यवहार, Robin Uthappa ने भड़ास निकालते हुए चेन्नई के लिए कही ये बात

Robin Uthappa

अगले कुछ दिनों में आईपीएल 2022 (IPL 2022) का बिगुल बजने वाला है, उससे पहले हाल ही समाप्त हुए मेगा ऑक्शन में फ्रेंचाईजियों ने खिलाड़ियों को अपनी टीम में शामिल करने के लिए दिल खोलकर पैसा लुटाया है। आईपीएल 2022 के लिए 10 टीमों ने 203 खिलाड़ियों पर बोली लगाते हुए अपने-अपने टीम में शामिल किया। वहीं, सीएसके के खिलाड़ी रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने मेगा  ऑक्शन (Mega Auction) और उसके प्रक्रिया को लेकर कड़ी टिप्पणी करते हुए अपनी भड़ास निकाली है।

Robin Uthappa ने मेगा नीलामी को लेकर कहीं ये बात

दरअसल IPL में महेंद्र सिंह धोनी के साथी खिलाड़ी और चेन्नई सुपर किंग्स के बल्लेबाज रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने आईपीएल 2022 के मेगा ऑक्शन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उनके इस बयान ने सनसनी मचा कर रख दी है। उनका कहना है ऑक्शन को देखकर ऐसा लगता है मानो खिलाड़ी कोई सामान है जिसकी खरीद-बिक्री हो रही है। Robin Uthappa ने कहा, ‘आईपीएल ऑक्शन एक परीक्षा की तरह लगता है, जिसे आपने बहुत पहले लिखा है और अब नतीजे का इंतजार कर रहे. ईमानदारी से कहूं तो नीलामी को देखकर ऐसा लगता है कि खिलाड़ी जानवर की तरह हैं, जिन पर बोली लगाई जा रही है. यह सुखद एहसास नहीं है. प्रदर्शन के आधार पर किसी खिलाड़ी के बारे में राय बनाना एक बात है, लेकिन आप कितने रूपए में बेचे गए, इस पर कुछ कहना बिल्कुल अलग.’

Robin Uthappa को चेन्नई सुपर किंग्स ने अपने साथ जोड़ा

हाल ही में आईपीएल 2022 ऑक्शन में चेन्नई सुपरकिंग्स ने रॉबिन को दो करोड़ रुपये की बेस प्राइस पर अपने साथ जोड़ा था। रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने माना कि वह और उनका परिवार यह उम्मीद कर रहे थे कि वे दोबारा चेन्नई सुपर किंग्स का हिस्सा बन जाएं। इसके साथ उन्होंने कहा, ‘चेन्नई सुपर किंग्स जैसी टीम के लिए खेलने की मेरी इच्छा थी. मेरी बस यह प्रार्थना थी कि फिर से सीएसके में शामिल हो जाऊं. मेरा परिवार, यहां तक कि मेरे बेटे ने भी इसके लिए प्रार्थना की. मैं ऐसी जगह जाकर खुश हूं, जहां सुरक्षा और सम्मान महसूस होता है.’

‘ऑक्शन में किसी पालतू जानवर जैसा महसूस करते है’

रॉबिन उथप्पा (Robin Uthappa) ने 2006 और 2015 के बीच भारत के लिए 46 वनडे और 13 टी20 मुकाबले खेले. उन्होंने आईपीएल में ऑक्शन के बजाए ड्राफ्ट पॉलिसी की पैरवी की. उन्होंने कहा,

ऑक्शन में ऐसा लगता है मानो आपने लंबे समय पहले कोई परीक्षा दी थी और अब नतीजा आने वाला है. आप किसी पालतू जानवर की तरह महसूस करते हो. यह देखकर अच्छा नहीं लगता और मुझे लगता है कि भारत में ही ऐसा होता है. किसी के प्रदर्शन के बारे में ओपिनियन होना अलग बात है लेकिन कौन कितने रुपये में बिकेगा इस पर बात होना एकदम अलग बात है.

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