नई दिल्ली: नेपाल के प्रधानमंत्री के पी शर्मा ओली ने अयोध्या विवाद को लेकर जो बयान दिया है उससे देश में बवाल मच गया है। लोग ओली की खूब आलोचना कर रहे हैं। इसी बीच एक बेहतरीन मिसाल के रुप में अयोध्या के रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद के मुख्य याचिकाकर्ता के बेटे इकबाल अंसारी सामने आए हैं और उन्होंने जुबान से ओली को शाब्दिक तमाचा जड़ दिया है।
हनुमान जी की गदा से विनाश
इकबाल अंसारी नेपाल के सीएम केपी शर्मा ओली के बयान पर काफी भड़के हुए नजर आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि ये राम की अयोध्या है यहां हनुमान जी हमेशा विराजमान रहते हैं और उनके पास गदा भी है। अंसारी ने ओली को चेतावनी दी है कि वो संभल कर बोलें वरना हनुमान जी की गदा से पूरे नेपाल का विनाश हो जाएगा और नामोनिशान तक मिट जाएगा।
बिना जाने न करें टिप्पणी
अयोध्या विवाद पर इकबाल अंसारी ने कहा कि केपी शर्मा ओली नेपाल से कभी अयोध्या नहीं आए हैं। उन्हें अयोध्या की संस्कृति और हिंदुओं के भगवान श्रीराम के बारे में कुछ भी नहीं पता है। उन्हें बिना सोचे समझे ऐसी बेतुकी बात नहीं करनी चाहिए।
धर्म नगरी है हमारी अयोध्या
इकबाल अंसारी ने कहा कि नेपाली पीएम को अयोध्या विवाद के बारे में सोच समझकर मुंह खोलना चाहिए। ये श्रीराम की नगरी है। अयोध्या के पांच किलोमीटर की सीमा के दायरे में मंदिर, मस्जिद गुरुद्वारा चर्च सभी स्थित हैं। इसलिए यहां पर सभी धर्म हैं जिस कारण इसे धर्म की नगरी भी कहा जाता है।
क्या था ओली का बयान
आपको बता दें कि नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने अयोध्या को लेकर बयान दिया था कि कि भारत में जो अयोध्या है वह नकली है और असली अयोध्या नेपाल में है। असली राम नेपाल के थे भारत के नहीं। नेपाली प्रधानमंत्री के इस बयान के बाद देश में उनकी जमकर आलोचना हो रही है। हिंदुओं से लेकर संत समाज सभी उनकी आलोचना में जुट गए हैं। इसी में इकबाल अंसारी का भी बयान है।
भड़क गए थे डिप्टी सीएम
नेपाली प्रधानमंत्री के अयोध्या को लेकर दिए गए बयान के बाद इकबाल अंसारी की तरह ही उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी भड़क गए थे उन्होंने तो यहां तक कह दिया था कि नेपाल भी एक वक्त भारत का ही हिस्सा था। नेपाली प्रधानमंत्री का यह बयान पहले से बिगड़ते नेपाल-भारत के रिश्तों के बीच एक नया सियासी तूफान ला सकता है।
सामने आया विदेश मंत्रालय
जब नेपाल के विदेश मंत्रालय को समझ में आया कि अयोध्या पर उनके प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया बयान एक चूक है तो डैमेज कंट्रोल को विदेश मंत्रालय सामने आया है। विदेश मंत्रालय के द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नेपाली प्रधानमंत्री का उद्देश्य किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था बल्कि एक चर्चा को आधार देना था।