Posted inक्रिकेट

ईशान किशन: बिहार का लाल कभी निकाला गया था स्कूल से ,माँ नहीं चाहती थी बेटा…

ईशान किशन: बिहार का लाल कभी निकाला गया था स्कूल से ,माँ नहीं चाहती थी बेटा...

आईपीएल के नामी क्रिकेटर इन दिनों क्रिकेट के प्रेमियों पर छाए हुए है. सभी क्रिकेट प्रेमियों को अपने फेवरेट क्रिकेटरो के बारे में जानना चाहते है . इसी बीच ईशान किशन की दिलचस्प कहानी लेकर आये हैं .मुम्बई इंडियंस के तरफ से खेल रहे युवा क्रिकेटर विस्फ़ोटक बल्लेबाजी कर रहे बिहार के लाल ईशान किशन के जिंदगी के किस्से बड़ा दिलचस्प है.

बताया जाता है कि वो जब सोते थे तो बैट बॉल लेकर सोते थे और उनके क्रिकेट के जुनून के चलते उन्हें स्कूल से भी निकाल दिया गया था . आज वो अपनी मेहनत के चलते क्रिकेट के दिग्गजों में गिने जाते है. अपने लम्बे- लम्बे, गगनचुम्बी छक्के की वजह से वह अपने फैन्स  के दिल पर राज कर रहे हैं.

पढ़ाई में जीरो और स्कूल से भी निकाल दिया गया

बिहार के पटना में 18 जुलाई 1998 को ईशान किशन का जन्म हुआ था . इनके परिवार की बात करे तो इनके पिता का नाम प्रणव पांडेय है जो कि वो एक बिल्डर है . वही ईशान के बड़े भाई राज किशन भी स्टेट लेवल पर क्रिकेट खेल चुके है.  ईशान की माने तो उन्हें बचपन से ही क्रिकेट में दिलचस्पी थी और जब भी उन्हें थोड़ा बहुत समय मिलता था तो वो क्रिकेट खेलने चले जाते थे . उनके माता- पिता ने अच्छे शिक्षा दिलाने के लिए उनका एडमिशन पटना के सबसे बड़े स्कूल डीपीएस में एडमिशन दिलाया था.

डॉक्टर बनाना चाहती थी माँ

ईशान की माँ का नाम सुचिता सिंह जो अपने बेटे को पढ़ा लिखा कर एक डॉक्टर बनाना चाहती थी  लेकिन ईशान का मन पढाई में थोड़ा सा भी नही लगता था . वह अपने क्लासरूम में अपने कॉपी में क्रिकेट से सम्बंधित चित्र बनाया करते थें . उनके क्रिकेट खेलने को लेकर उनकी माँ उन्हें अक्सर डाटा करती थी यही नहीं ईशान पढ़ाई में कमजोर होने के कारण उन्हें स्कूल से निकाल दिया गया . ईशान बचपन से ही क्रिकेट के बारे में सोचते थे.

बड़े भाई ने किया सपोर्ट

वही उनके पिता ने ईशान के अंदर क्रिकेट के जुनून को देखते हुए उन्हें क्रिकेटर बनाने का फैसला किया . ईशान के बड़े भाई ने भी उन्हें बहुत सपोर्ट किया  लेकिन वही उनकी माँ नही चाहती थी कि उनका बेटा क्रिकेटर बने . जिसके लिए वो बहुत पूजा पाठ भी करती थी  हनुमान चालीसा का भी पाठ अपने घर पर कराती . इसके बावजूद भी ईशान बाहर क्रिकेट खेलने के बावजूद भी घर मे ही क्रिकेट से सम्बंधित बहुत सारी बाते किया करते थे . लेकिन ईशान के पिता बताते है कि बेटा जब दो साल का था तो वो बैट और गेंद लेकर सोया करता था.

कोच संतोष ने दिया साथ

ईशान को कोच संतोष कुमार का साथ मिला जो कि कहा जाता है की कोच संतोष ने अपना करियर का बलिदान कर दिया. ईशान का  पटना के वाईसीसी क्रिकेट अकादमी में ट्रेनिंग दिया करते थे  और उन्होंने ईशान किशन की काबिलियत को देख पहचाना उन्होंने ईशान को इतनी बारीकियों से सिखाया की ईशान एक अच्छे बल्लेबाज और विकेटकीपर बनाने में अहम भूमिका निभाई . वही कोच संतोष का एक इंटरव्यू में कहना है कि वो विकेटकीपरो में काफी फुर्तीले विकेटकीपर थे . यही नहीं कोच सन्तोष ने ईशान की तुलना धोनी से भी की थी.

भारतीय टीम का कप्तान भी रह चुके हैं

साल 2015 में जब उन्हें अंडर 19 विश्वकप 2016 के लिए ना ही बस टीम इंडिया में शामिल किया गया बल्कि उन्हें भारत टीम का कैप्टन भी बनाया गया .हालाकि अंडर 19 में ईशान का बल्ला भले ही ना चला हो लेकिन उनकी कप्तानी लाजवाब रही जिससे टीम इंडिया फाइनल तक का सफर किया था लेकिन फाइनल में उन्हें वेस्टइंडीज के सामने हार का सामना करना पड़ा.

यह भी पढ़े: मुंबई इंडियंस की जीत के बाद नीता अंबानी ने किया कुछ ऐसा, जीता टीम का दिल

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Exit mobile version