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जोसेफ ने गांव रहकर ही सिख ली हैकिंग आज देश को दे रहे सुरक्षा संबंधी सेवाएं

हैकिंग

बेनिल्ड जोसेफ भारतीय कानून व्यवस्था स्थापित करने वाली संस्थाओं और छोटी,बड़ी निजी संस्थाओं को उनके डाटा और वेबसाइट्स को सुरक्षित में उनकी मदद करते है. गांव में रहकर ही एक छोटे से साइबर कैफे में सीख ली हैकिंग आज दे रहे है देश की सुरक्षा में अहम् योगदान. हम बात कर रहे है बेनिल्ड जोसेफ के बारे में जो आज के समय में भारतीय सुरक्षा में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं

आइये जानते है  बचपन से ही कंप्यूटर में रूची रखने वाले बेनिल्ड जोसेफ की गांव से शुरी हुयी सफलता के बारे में

गाँव में पले बड़े जोसेफ ने बचपन में ही सिख ली हैकिंग

अक्सर लोग जब कुछ नहीं कर पातें तो अपने आसपास के माहौल को अपनी नाकामयाबी का जिम्मेदार बताने लग जाते है. बेनिल्ड जोसेफ का जन्म केरल राज्य के वायनाड में एक छोटे से गाँव में हुआ था. जोसेफ जब मात्र 3 वर्ष के थे तो उनके पिता दुनिया छोड़ कर चले गये थे. तो घर की जिम्मेदारी उनकी माँ पर आ गयी तो माँ ने ऑफिस जॉइन किया. बेनिल्ड जोसेफ इतने बड़े नहीं थे की उन्हें घर पर ही अकेला छोड़ दिया जाय इसलिय उनकी माँ उन्हें अपने साथ ऑफिस में ले जाया करती थी.

लेकिन बड़े होने के साथ जोसेफ शरारती हो गये और उनकी माँ को उन्हें ऑफिस में रख पाना मुश्किल हो चला , इसका उपाय निकालते हुए उनकी माँ ने उनको कंप्यूटर रूम कुछ घंटो के लिए छोड़ दिया करती थी. इस तरह जोसेफ कंप्यूटर के साथ ही बड़े हुए थे.इससे उनका कंप्यूटर के साथ एक अलग सा रिश्ता बन गया. वो घंटो कंप्यूटर के साथ बैठकर कुछ ना कुछ नया करते रहते थे. जब वे 7 वीं कक्षा में थे तो जोसेफ ने उस समय की मशहूर सोशल नेटवर्किंग वेबसाइट्स ऑरकुट की कोडिंग  की जड़ तक चले गये, जोसेफ जानना चाहते थे की आखिर इस वेवसाइट का निर्माण किस तरह किया गया है.

14 वर्ष की उम्र में बेनिल्ड ने वेबसाइट बना  लिम्का बुक में दर्ज किया अपना नाम

बता दें बेनिल्ड जोसेफ 9 वीं कक्षा में पढाई के दौरान ही एक सोशल नेटवर्किंग साईट ‘बेन्ज्कूट’ को बना डाला. जोसेफ की इस शानदार सफलता की वजह से ही उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकार्ड्स में दर्ज हो गया. इस साईट के निर्माण ने उन्हें अन्तर्राष्ट्रीय लेवल पर पहचान करवायीं. इसके बाद उनका दूसरा बड़ा कारनामा अपने ही गाँव के दोस्त की ईमेल आईडी को हैक कर लेना था.

बेनिल्ड जोसेफ कहते है की,

 ”तब मैने ये जाना की मेरी रूचि हैकिंग, प्रोग्रामिंग और कोडिंग में जाग चुकी है

100 किलोमीटर दूर हैकिंग सीखने जाया करते थे जोसेफ

हैकिंग सीखने के लिए जोसेफ अपने गाँव से 100 किलोमीटर दूर कालीकट जाया करते थे. वहां उनके शिक्षक ने उनके अंदर हैकिंग करने की काबलियत को देख लिया था. जोसेफ अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई के साथ-साथ लगभग 13 कोर्सेज भी कर रहे थे. उनका ज्यादातर समय प्रेक्टिस में जाया करता था.

अपने लग्न और मेहनत के बल पर आज बेनिल्ड जोसेफ भारत सरकार को साइबर स्पेस की सुरक्षा में अहम् भूमिका निभा रहे है , इसके साथ ही जोसेफ राज्य सरकारों के लिए भी उनके सुरक्षा संबंधी कार्यो में मदद करते है.

बेनिल्ड जोसेफ के शब्द,

”मैं लोगों से यह नहीं कहता कि मैं एक हैकर हूँ क्योंकि वे इसे गलत समझ लेते हैं, और जब मैं उन्हें अलग ढंग से बताता हूँ कि मैं एक साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट हूँ तब वे मुझसे प्रभावित हो जाते हैं.”

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