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Russia-Ukraine War: यूक्रेन से लौटी बेटी से मां ने पूछा, भाई को कहां छोड़ आई…

Russia-Ukraine War

Russia-Ukraine War: इन दिनों रुस-यूक्रेन के बीच जबरदस्त युध्द (Russia-Ukraine War) छिड़ा हुआ है। दोनों देशों के बीच जारी इस लड़ाई को लेकर जहां पूरी दुनियां दहशत में है। वहीं, भारत यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों को निकालने में लगा हुआ है। ऑपरेशन गंगा के तहत अब तक हजारों भारतीय वतन वापस कर चुके है। इसी बीच एक भावुक कर देने वाली खबर सामने आ रही है।

जब रुंधे गले से पूछा भाई को कहां छोड़ आई

दरअसल, यह खबर कानपुर में रहने वाली छात्रा अक्षरा यादव और उसके भाई की है, जो युध्द के दौरान यूक्रेन में फंसे हुए है। हालांकि बीते दिन यानी रविवार को वापस आए छात्रों के साथ अक्षरा भी वापस आई। बेटी को सही सलामत देख जहां खुशी से मां ने उसे गले लगा लिया, लेकिन उस मां की खुशी उस वक्त अधूरी रह गई जब मां ने रुंधे गले से बेटी से अपने बेटे को लेकर पूछा कि तुम तो आ गई बेटी, भाई कहां छोड़ आई। उसको साथ क्यों नहीं लाई। भाई कैसे छूट गया। ये सवाल पूछते-पूछते उस मां की आंखें आंसुओं से भर आईं।

लगातार यूक्रेन से पलायन कर रहें हैं भारतीय छात्र

आपको बता दें कि, कानपुर के ग्वालटोली में रहने वाली डॉ. मधुरिमा की बेटी अक्षरा यादव और बेटा आरव यादव यूक्रेन की राजधानी खारकीव में एमबीबीएस की पढ़ाई कर थे। बीते 24 फरवरी से रूस लगातार यूक्रेन पर हमले कर रहा है। यूक्रेन का खारकीव शहर मलबे में तब्दील हो गया है। यूक्रने और भारत सरकार ने भारतीय छात्रों से यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी की थी। इसके बाद से लगातार छात्र हंगरी और पोलैंड बार्डर की तरफ जा रहे हैं।

अक्षरा ने बताई आपबीती

यूक्रेन से कानपुर पहुंचीं अक्षरा ने बताया कि मैं अपने भाई के साथ कई किलोमीटर का सफर तय कर के खारकीव स्टेशन पहुंची थी। इसी दौरान रेलवे स्टेशन के बाहर धमाका हो गया था। जिसकी वजह से स्टेशन पर भगदड़ मच गई। इस दौरान मैं अपने भाई से बिछड़ गई थी। स्टेशन पर जरूरत से ज्यादा भीड़ थी, फिर किसी तरह से भाई मिला तो उसने मुझे ट्रेन पर बैठा दिया था। उसने मुझसे कहा था कि बहन तुम जाओ, मैं किसी तरह से आ जाऊंगा।

मां ने भारत सरकार से अपने बच्चे की सुरक्षित वापसी की अपील

अक्षरा ने बताया कि मैं किसी तरह से पोलैंड बार्डर पहुंची। वहां पर मेरा मोबाइल स्वीच ऑफ हो गया था। जिसकी वजह से मेरी भाई आरव से बात नहीं हो पाई। इसके बाद पोलैंड से फ्लाइट के जरिए दिल्ली लाया गया। लेकिन मुझे भाई के छूटने का गम भी है। वहीं माता-पिता की भी खुशियां अधूरी हैं। वहीं मां मधुरिमा जहां बेटी के वापस आने पर खुश है वहीं बेटे को लेकर गम भी है। उन्होंने भारत सरकार से अपील की है कि, यूक्रेन में जितने भी बच्चे हैं, उनकी सुरक्षित भारत वापसी कराई जाए। यूक्रेन के हालात बहुत ज्यादा बिगड़ चुके हैं।

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