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राज्यसभा में कपिल सिब्बल ने मोदी सरकार को मजदूर और रोजगार के मामले पर जमकर घेरा

कपिल सिब्बल

राज्यसभा में बजट सत्र-2021 पर बहस की शुरुआत करते हुए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने सरकार पर बजट में वोट बैंक की साजनीति करने का आरोप लगाते हुए कहा कि देश का पूरा कारोबार चार-पांच उद्योगपति परिवारों के बीच सिमट कर रह गया है।

कपिल सिब्बल ने कहा सरकार चार-पांच लोग चला रहे हैं

बजट सत्र 2021-22 के दौरान राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बजट पर बहस शुरू करते हुए सरकार से कहा कि अब कोई बहाना नहीं चलेगा क्योंकि आप 6 सालों से सत्ता में हैं। कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया कि सरकार देश की संपत्ति चार-पांच लोगों को सौंप रही है।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने मोदी को घेरते हुए कहा कि, देश में चार-पांच बड़े लोग हैं, जो लगभग सारी संपत्तियों के मालिक हैं। एक बहुत बड़ा शख्स हर जगह हैं। मैं किसी का नाम नहीं लूंगा लेकिन वो हर जगह हैं। उन्होंने कहा, पोट्रस, एयरपोट्रस, सिटी गैस, डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर्स, रेलवे हर जगह।

बजट 2021-22 को बताया राजनीति से प्रेरित

राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने बजट 2021-22 को राजनीति प्रेरित बताते हुए कहा कि, असम, पश्चिम बंगाल और केरल में होने वाले चुनाव को ध्यान रखकर आवंटन किए गए हैं। इन राज्यों में बड़े पैमाने पर  राष्ट्रीय राजमार्गो के निर्माण के लिए बजट का प्रस्ताव किया गया है। पश्चिम बंगाल में 675 किलोमीटर तथा केरल में 1100 किलोमीटर का निर्माण किया जाएगा। कपिल सिब्बल ने कहा कि, दो-तीन व्यावसायिक परिवारों के पास बंदरगाह, हवाई अड्डा, स्टील और ऊर्जा का करोबार चला गया है। रेलवे और कई अन्य क्षेत्रों में निजीकरण को बढ़ावा दिया जा रहा है तथा सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों की गैर निष्पादित सम्पत्तियां बढ़ रही हैं।

सिब्बल ने कहा कि देश की 73 फीसदी सम्पत्ति एक प्रतिशत व्यावसायिक घरानों के पास चली गई है। उन्होंने कहा कि देश के छह-सात बड़े हवाई अड्डों को निजी हाथों में देने का वित्त मंत्रालय और नीति आयोग ने विरोध किया इसके बावजूद उसे निजी क्षेत्रों को दे दिया गया।

बजट में कृषि और किसान सम्मान निधि का पैसा घटा

किसानों का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने कहा कि, अमेरिका, यूरोप, चीन कई अन्य देशों में सरकार किसानों को बड़े पैमाने पर आर्थिक सहायाता दे रही है, जबकि हमारे देश में किसान फसलों का एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) को कानूनी जामा देने की मांग को लेकर आन्दोलन कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र का बजट कम किया गया है और प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि की राशि को 75000 हजार करोड़ रुपए से घटाकर 65000 हजार करोड़ रुपय कर दिया गया है।

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