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परिवार की इच्छा के विपरीत जाकर बनी कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर

परिवार की इच्छा के विपरीत जाकर बनी कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर

आज देश की हर महिला आत्मनिर्भर बनना चाहती है जी हाँ हर क्षेत्र में लड़कियां कार्यरत है ऐसा कोई काम नहीं है जो आज महिलाये नहीं कर रही है। देश के हर कोने से लड़कियों ने अपना नाम रोशन किया है। लड़कियाँ हर कठिन रास्तो पर चल रही है। जिसे वो सुगम बनाने में साफा भी हो रही है। उनकी जिंदगी में ये मायने नहीं रखता कि सपना बड़ा है या छोटा वह उसे हकीकत में बदलने के लिए वे किसी भी विपरित परिस्थितियों का सामना डटकर करती हैं। बताते है आज आपको ऐसी ही एक महिला की कहानी जिसने अपने सपनों को पूरा करने के लिये किसी भी चुनौती के सामने घुटने नहीं टेके। आज उन्होंने कश्मीर की पहली महिला बस ड्राईवर बनकर इतिहास रच दिया। बताते है आपको उनकी प्रेरणादायी जीवन के बारे में –

जम्मू कश्मीर की रहने वाली पूजा देवी इन्होंने कश्मीर की पहली महिला बस ड्राइवर बनकर इतिहास रच दिया है। उनको बचपन से ही बड़ी गाड़ी चलाने का शौक था लेकिन इनका यह सफर सरल नहीं था। कई कठिनाईयों का सामना करते हुए पूजा ने अपने मुकाम पर पहुंच कर ही दम लिया।

पूरा किया अपना शौक

23 दिसंबर को पूजा ने कटवा रूट पर चलने वाली बस की स्टीयरिंग को संभाला तो सभी लोग देखकर आश्चर्यचकित रह गए। कुछ वर्ष पूर्व पूजा ने ड्राइविंग सीखने के लिए टैक्सी चलाई तथा बाद में उन्होंने ट्रक भी चलाया। वर्तमान में पूजा स्थानीय ट्रांसपोर्टर में बस चलाने का कार्य कर रही हैं। वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं हैं, इसलिए उन्हें लगता है कि वह जो कार्य कर रहीं हैं, उनके लिये बिलकुल सही है। पूजा के लिए यह सब करना बहुत कठिन था। क्योकि वह अपने सपने को पूरा करने के लिए अपने परिवार और पति के इच्छा के विपरीत जा कर आगे बढी। पूजा कहती हैं कि वह पहली बार बस चला कर बेहद प्रसन्न है। इससे पहले टैक्सी और ट्रक चला चुकी हैं। उन्हें उम्मीद नहीं थी कि कोई उन पर अपना भरोसा करेगा लेकिन आज अपने सपने को सच साबित कर वह बहुत खुश हैं। आगे पूजा कहती हैं, “अब मैं दूसरी महिलाओं को ड्राइविंग सिखाना चाहती हूं।” आज पूजा महिलाओ के लिए प्रेरणा है।

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