पीएम मोदीजी ने गुरुवार को नए भवन की नींव रखी, देश को नया संसद भवन मिलेगा और साथ ही पूराना संसद भवन भी काम करता रहेगा. जाने कैसे क्या होगा पुराने संसद में –
आधुनिक सुविधाओं का समन्वय
नया संसद भवन साल 2022 तक होने की उम्मीद है, जिसमें अनेक तरह की आधुनिक सुविधाओं का समन्वय होगा. भविष्य की जरूरतों, सांसदों की संख्या को नजर मे रखते हुए नए संसद भवन का निर्माण किया जा है. मगर, जरुरी बात ये है कि पुराना और नया संसद भवन दोनो ही कार्यरत रहेंगे.
मौजूदा संसद भवन का म्युजियम में उपयोग
- संसदीय कार्यक्रमों के लिए और म्युजियम की तरह संसद भवन का उपयोग होगा. म्युजियम का उपयोग करने का यह है की आने वाली जनरेशन को देश की लोकतांत्रिक यात्रा के बारे में जानकारी हो.
- बड़े कार्यक्रमों का आयोजन करने के लिये नये संसद भवन में 560 फीट का डायामीटर है.
- लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने बताया कि संसद ने देश की आजादी, संविधान की रचना समेत अन्य ऐतिहासिक लम्हो को देखते हुए 93 साल पूरे किए है.
- 12 फरवरी 1921 को पुराने संसद भवन का शिलान्यास किया गया था और छह साल में 83 लाख के खर्च से तैयार किया गया था.
- इसका उद्घाटन 18 जनवरी 1927 को भारत के तत्कालीन गवर्नर जनरल लॉर्ड इरविन ने किया था.
पुराने भवन में ही सुधार
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने नए संसद भवन के आधारशिला कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज का दिन हिन्दुस्तान ही नहीं बल्कि समग्र विश्व के इतिहास में अहम मायने रखता है. हमारे देश में लोकतंत्र और गणतंत्र लंबे समय से स्थापित है.
मंत्री ने कहा कि पहले मौजूदा संसद भवन में ही सुधार करने का निर्णय लिया गया था, परंतु भविष्य में सांसदों की संख्या बढ़ने पर जरूरतें पूरी होना असंभव होगा. इसी वजह से नए संसद भवन का प्रस्ताव सामने रखा गया.