दुनिया में एक खास जगह है जहां एक बहुत ही खास नियम है, जिसे सुनकर आप हैरान हो जाएंगे, जी हां लेकिन यह नियम औरतो के लिए खुशी भरा है लेकिन पुरुषो के लिए दुखी करने वाला है। यह जगह ऐसी है जहां पुरुषों की नहीं औरतों की चलती है। ये जगह कहीं दूर नहीं भारत के ही पड़ोसी देश पाकिस्तान में हैं। पाकिस्तान में अफगानिस्तान के बॉर्डर से सटा एक ऐसा इलाका है, जहां औरतों को पूरी आजादी है। यहां रहने वाली औरतें खूबसूरत और बिंदास होती हैं। यहां की औरतें अपने फैसले खुद लेती हैं। शादी ब्याह में वो अपनी मनमर्जी से चलती हैं।
कौन सी जगह जहां पुरुषों की नहीं औरतों की चलती है
आपको बता दें कि पाकिस्तान के इस इलाके में रहने वाले लोग कलाशा जनजाति के हैं। ये जनजाति पख्तूनख्वा प्रांत में चित्राल घाटी के बाम्बुराते, बिरीर और रामबुर क्षेत्र में रहती है। पाकिस्तान का ये इलाका हिंदू कुश पहाड़ों से घिरा हुआ है। इस पहाड़ के कई ऐतिहासिक संदर्भ भी हैं, जैसे इसी इलाके में सिकंदर की जीत के बाद इसे कौकासोश इन्दिकौश कहा जाता है। यूनानी भाषा में इसका अर्थ है हिंदुस्तानी पर्वत। इन्हें सिकंदर महान का वंशज भी माना जाता है।
गैरमर्द पसंद आए तो वे पहली शादी को तोड़ देती हैं
यहां रहने वाली कलाशा जनजाति पाकिस्तान के सबसे कम संख्या वाले अल्पसंख्यकों में गिनी जाती है। इनकी संख्या लगभग पौने 4 हजार है। इस समुदाय में महिलाएं घर की मुखिया होती हैं। इस समुदाय की महिलाओं को गैरमर्द पसंद आए तो वे अपनी पहली शादी को तोड़ देती हैं। यहां के लोग कच्चे घरों में रहते हैं और त्योहारों पर औरतें और मर्द सभी साथ मिलकर शराब पीते हैं। इस समुदाय का संगीत हर मौके को खास बना देता है।
इस समुदाय के लोग अस्त्र-शस्त्र और बंदूकें भी रखते हैं
हालांकि इस जनजाति के लोगों में संबंधों को लेकर इतना खुलापन है किसी भी औरत को दूसरा मर्द पसंद आने पर वह उसके साथ रह सकती है। हालांकि अफगान और पाकिस्तान के बहुतसंख्यकों से डर की वजह से खास मौकों पर इस समुदाय के लोग अस्त्र-शस्त्र और बंदूकें भी रखते हैं। कलाशा जनजाति के लोग Camos, Joshi और Uchaw त्यौहार मनाते हैं। इनमें से Camos को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है जो दिसंबर में मनाया जाता है। इस मौके पर इस समुदाय के लड़के लड़कियां अपना जीवन साथी चुनते हैं।