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भारत में पैदा होकर पराए निकले ये खिलाड़ी, टीम इंडिया को छोड़ विदेशी टीमों के लिए किया डेब्यू

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Team India : भारत में जन्मे लेकिन दूसरे देशों का प्रतिनिधित्व करने वाले कई क्रिकेटरों ने अपने करियर में एक अनोखा रास्ता चुना है। भारत में अपनी जड़ें होने के बावजूद, इन खिलाड़ियों ने टीम इंडिया (Team India) से खेलने के बजाय विदेशी टीमों के लिए पदार्पण किया। इन खिलाड़ियों ने Team India के बजाए अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी पहचान बनाई। आईये जानते हैं ऐसे कुछ खिलाड़ियों के बारे में…..

1. ईश सोढ़ी – न्यूज़ीलैंड

इंदरबीर सिंह सोढ़ी, जिन्हें ईश सोढ़ी के नाम से भी जाना जाता है, न्यूज़ीलैंड के लेग-ब्रेक गेंदबाज़ हैं। 31 अक्टूबर 1992 को लुधियाना, भारत में जन्मे, उनके दादा-दादी विभाजन के दौरान लाहौर से भारत आ गए थे, और उसके बाद उनके माता-पिता अंततः साउथ ऑकलैंड में बस गए।

2. रचिन रवींद्र – न्यूज़ीलैंड

न्यूज़ीलैंड के उभरते हुए बल्लेबाज़ ऑलराउंडर रचिन रवींद्र के नाम के पीछे एक दिलचस्प कहानी है—यह नाम राहुल द्रविड़ (“रा”) और सचिन तेंदुलकर (“चिन”) के मेल से बना है। 18 नवंबर 1999 को वेलिंगटन में जन्मे रचिन के पिता रवि कृष्णमूर्ति बेंगलुरु के रहने वाले थे।

कृष्णमूर्ति क्लब क्रिकेट खेलते थे और पूर्व भारतीय तेज़ गेंदबाज़ जवागल श्रीनाथ के करीबी थे, जिन्होंने रचिन को क्रिकेट के गुर भी सिखाए। रवींद्र ने 2023 विश्व कप में इंग्लैंड के खिलाफ 96 गेंदों पर 123 रनों की शानदार पारी खेलकर सुर्खियाँ बटोरीं।

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3. विक्रमजीत सिंह – नीदरलैंड

नीदरलैंड के बाएँ हाथ के बल्लेबाज़ विक्रमजीत सिंह पंजाब के जालंधर ज़िले के चीमा खुर्द गाँव के रहने वाले हैं, जहाँ उनका जन्म 2003 में हुआ था। उन्होंने 11 साल की उम्र में प्रतिस्पर्धी क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया। उन्होंने न्यूज़ीलैंड के ख़िलाफ़ अपना वनडे डेब्यू किया।

4. केशव महाराज – दक्षिण अफ्रीका

दक्षिण अफ्रीका के बाएं हाथ के स्पिनर केशव महाराज भी भारतीय मूल के हैं। शुरुआत में तेज़ गेंदबाज़ी करने के बाद, उन्होंने स्पिन गेंदबाज़ी की और सफलता हासिल केशव ने दक्षिण अफ्रीका के लिए अब तक 59 टेस्ट, 48 एकदिनी और 39 टी-30 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।

Team india: खिलाड़ियों का सपना और गौरव

इन भारतीय मूल के खिलाड़ियों ने दूसरे देशों का प्रतिनिधित्व करने का विकल्प चुना, फिर भी उनकी यात्राएँ भारत की समृद्ध क्रिकेट विरासत को दर्शाती हैं। वे जहाँ भी खेलते हैं, उनमें भारत की क्रिकेट भावना का एक अंश ज़रूर होता है।

फिर भी, लाखों प्रशंसकों के लिए, टीम इंडिया (Team India) उनका सबसे बड़ा सपना और गौरव बनी हुई है। उनकी कहानियाँ हमें याद दिलाती हैं कि चाहे वे कोई भी जर्सी पहनें, उनके क्रिकेट के जुनून की जड़ें भारत से जुड़ी हैं।

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Sunil Kumar is a journalist with a Master’s in Journalism and Mass Communication from MGKVP, Varanasi. He has worked with several media organizations. Since February 2025, he has been associated with...

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