Prithvi Shaw: भारतीय टीम के युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) की किस्मत एक बार फिर चमक उठी है। लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे, शॉ को एक प्रतिष्ठित टूर्नामेंट में खुद को साबित करने का मौका मिला है। यह टूर्नामेंट घरेलू क्रिकेट में खिलाड़ियों के लिए खुद को साबित करने का एक अहम मंच माना जाता है और एशिया कप 2025 से पहले शॉ के लिए यह ‘लास्ट चांस’ जैसा है।
एशिया कप 2025 से पहले Prithvi Shaw को मिला मौका
दरअसल एशिया कप 2025 को लेकर उल्टी गिनती शुरू हो गईं है, लेकिन इससे पहले ही भारतीय युवा सलामी बल्लेबाज पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के लिए एक बार फिर किस्मत के दरवाजे खुल गए है। आपको बता दें, लंबे समय से टीम इंडिया से बाहर चल रहे शॉ को अब प्रतिष्ठित बुच्ची बाबू टूर्नामेंट में खेलने का और खुद को साबित करने का मौका मिला है। ऐसा माना जा रहा है कि एशिया कप 2025 से पहले शॉ के पास खुद को साबित करने का आखिरी मौका है, इस टूर्नामेंट में अगर वह कुछ खास प्रदर्शन नहीं कर पाते है तो उनका करियर हमेशा हमेशा के लिए खत्म हो जाएगा।
The upcoming Buchi Babu tournament is a big chance for Prithvi Shaw to make a comeback. He is a very talented cricketer and expecting him to perform well in the tournament. He has got another chance, hope he makes the opportunity count. #PrithviShaw #BuchiBabu pic.twitter.com/W2BGIKTlUH
— Saabir Zafar (@Saabir_Saabu01) August 14, 2025
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चोटों और फिटनेस के कारण बर्बाद हुआ करियर
आपको बता दें, पृथ्वी शॉ (Prithvi Shaw) के करियर की शुरुआत बेहद शानदार हुई थी। उन्होंने अपने डेब्यू टेस्ट मैच में ही शतक जड़कर सबका ध्यान अपनी ओर खींच लिया था, जिसके बाद उनकी तुलना सचिन तेंदुलकर से की जाने लगी थी। हालांकि, इसके बाद छोटे और उनके फिटनेस संबंधी विवादों और फॉर्म में गिरावट ने उनके करियर की रफ्तार थाम थी। और देखते ही देखते उन्हें टीम इंडिया से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया। बीते कुछ सालों में उन्होंने आईपीएल और घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन किया है, लेकिन स्थिरता और बड़े स्कोर की कमी के कारण उन्हें हरबार नजअंदाज कर दिया गया।
मिला सुनहरा मौका
अब बुच्ची बाबू टूर्नामेंट उनके लिए वापसी का सुनहरा मौका साबित हो सकता है। इस टूर्नामेंट में देश के कई बड़े और युवा क्रिकेटर हिस्सा लेते हैं, और चयनकर्ताओं की नजर सीधे इन मैचों पर रहती है। अगर शॉ (Prithvi Shaw) यहां शानदार बल्लेबाजी करते हैं और लगातार रन बनाते हैं, तो एशिया कप 2025 की टीम में उनका नाम शामिल हो सकता है।
विस्फोटक बल्लेबाजी का हुनर
शॉ (Prithvi Shaw) के पास विस्फोटक बल्लेबाजी का हुनर है। पावरप्ले में तेज रन बनाने और गेंदबाजों पर दबाव बनाने की उनकी क्षमता उन्हें अलग बनाती है। हालांकि, पिछले कुछ समय से वे अच्छी शुरुआत को बड़े स्कोर में बदलने में नाकाम रहे हैं। इस टूर्नामेंट में उन्हें अपनी तकनीक, धैर्य और फिटनेस पर विशेष ध्यान देना होगा, क्योंकि यही उनकी वापसी की कुंजी है।
क्रिकेट फैंस भी इस बार उनसे बड़ी उम्मीदें लगाए बैठे हैं। अगर शॉ इस मौके का फायदा उठाते हैं, तो न केवल एशिया कप बल्कि आगे आने वाले बड़े टूर्नामेंटों में भी उनकी वापसी पक्की हो सकती है। लेकिन अगर वे यहां भी असफल रहते हैं, तो उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे लंबे समय के लिए बंद हो सकते हैं।
अब सबकी नजरें इस बात पर होंगी कि क्या पृथ्वी शॉ इस ‘आखिरी मौका’ को भुना पाएंगे या नहीं। बुच्ची बाबू टूर्नामेंट में उनका प्रदर्शन उनके क्रिकेटिंग भविष्य का असली फैसला करेगा।
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