Crickter: क्रिकेट के मैदान से एक बेहद दुखद खबर सामने आई है। बल्लेबाजी के दौरान एक तेज गेंद गर्दन पर लगने से एक होनहार क्रिकेटर (Crickter) की मौत हो गई है। मैच के दौरान हेलमेट पहनने के बावजूद गेंद उनके नाजुक हिस्से पर लगी, जिससे वह बुरी तरह चोटिल हो गए।
मैदान से स्ट्रेचर पर ले जाने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां जिंदगी और मौत के बीच संघर्ष करते हुए उन्होंने दम तोड़ दिया। पूरे खेल जगत में शोक की लहर (Mourning in Sports) दौड़ गई है।
मैच के दौरान क्रिकेटर की हुई मौत
हम जिस खिलाड़ी (Crickter) की बात कर रहे हैं वो कोई और नहीं बल्कि ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज फिलिप ह्यूज हैं। आज से लगभग 11 साल पहले उनका निधन हो गया था। इस दुखद घटना से पूरे खेल जगत (Mourning in Sports) को पूरी तरर से झकझोर कर रख दिया।
25 नवंबर 2014 को सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर शेफील्ड शील्ड मैच के दौरान सीन एबॉट की बाउंसर उनके गर्दन पर लगी। करीब दो दिन तक अस्पताल में जिंदगी से जूझने के बाद 27 नवंबर को उनका निधन हो गया। इस घटना से खेल जगत में शोक की लहर (Mourning in Sports) दौड़ गई।
इस घटना के महज तीन दिन बाद, यानी 30 नवंबर को उनका जन्मदिन था। क्रिकेट जगत आज भी उन्हें एक बेहद प्रतिभाशाली खिलाड़ी (Crickter) के तौर पर याद करता है और इस घटना से न सिर्फ ऑस्ट्रेलिया बल्कि पूरा खेल जगत शोक (Mourning in Sport) में डूब गया।
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छोटे से करियर में रचा था बड़ा इतिहास
क्रिकेटर (Crickter) फिलिप ह्यूज (philip hughes) ने ऑस्ट्रेलिया के लिए 26 टेस्ट, 25 वनडे और 1 टी20 इंटरनेशनल मैच खेले। उन्होंने 17 साल की उम्र में न्यू साउथ वेल्स से घरेलू क्रिकेट करियर की शुरुआत की। 2009 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करते हुए उन्होंने दूसरी पारी में शानदार 75 रन बनाए थे।
आखिरी टेस्ट में नहीं चल पाई थी बल्लेबाजी
क्रिकेटर (Crickter) फिलिप ह्यूज ने अपना आखिरी टेस्ट मैच जुलाई 2013 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला था। हालांकि इस मैच की दोनों पारियों में वह केवल 1-1 रन ही बना सके थे। इसके बावजूद उनकी तकनीक और खेल के प्रति समर्पण ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट का भविष्य माना जा रहा था। उनके जाने से खेल जगत (Mourning in Sport) को गहरा झटका लगा।
भारतीय क्रिकेटर की भी गेंद से हुई मौत
क्रिकेट इतिहास में यह कोई पहला मौका नहीं है जब मैदान पर ऐसी दर्दनाक घटना हुई हो। भारत के क्रिकेटर (Crickter) रमन लांबा भी 1998 में ढाका में एक क्लब मैच के दौरान फील्डिंग करते समय सिर पर गेंद लगने के बाद चल बसे थे। जिससे पूरा खेल जगत शोक (Mourning in Sport) में डूब गया था।
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