भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) जब अपने बल्ले के साथ क्रिज पर मौजूद होते हैं तो इस बात से कोई अंजान नहीं है कि किस तरह मैदान पर चौके- छक्के की बरसात होती है. इस बात को धोनी ने कई बार अपनी तूफानी पारी से साबित किया है.
आज हम धोनी की ऐसे ही एक धमाकेदार पारी की बात कर रहे हैं, जो उन्होंने साल 2015 में विजय हजारे ट्रॉफी में खेलने के दौरान अपनी टीम के लिए लगाया था. भले ही वह अपनी टीम के लिए शतक नहीं बना पाए, लेकिन अपनी इस पारी से उन्होंने गेंदबाजों के नाक में दम कर दिया, जिन्हें कोई भी खिलाड़ी आउट नहीं कर पाया.
MS Dhoni: 70 रन की तूफानी पारी से जीता दिल
विजय हजारे ट्रॉफी में अपनी टीम झारखंड के लिए मिडिल ऑर्डर में एक फिनिशर की भूमिका निभाते हुए महेंद्र सिंह धोनी (MS Dhoni) ने 108 गेंद का सामना करते हुए 70 रन की महत्वपूर्ण पारी खेली. अपनी इस पारी के दौरान धोनी ने पांच चौके और चार छक्के लगाए जिन्होंने 64.81 के स्ट्राइक रेट से ताबड़तोड़ बल्लेबाजी की.
धोनी की यह तूफानी पारी तब देखने को मिली जब टॉप ऑर्डर से चार खिलाड़ी बुरी तरह फ्लॉप साबित हुए जहां धोनी ने अपने कंधों पर जिम्मेदारी संभालते हुए टीम के बागडोर को उठाया और अपनी टीम को मजबूती दिलाने का काम किया. हालांकि इस मैच में धोनी को अपनी टीम के बाकी खिलाड़ियों से कोई समर्थन नहीं मिला
99 रन से जीती दिल्ली
साल 2015 में विजय हजारे ट्रॉफी के दौरान खेले गए मुकाबले की अगर बात करें तो झारखंड और दिल्ली के बीच रोचक मुकाबले में झारखंड ने टॉस जीत कर पहले गेंदबाजी करने का फैसला लिया, जहां दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 225 रन का स्कोर बोर्ड पर लगाया. इसके जवाब में झारखंड की टीम 50 ओवर के खेल में 38 ओवर ही खेल पाई और 126 के स्कोर पर ऑल आउट हो गई.
धोनी ने अकेले अपनी टीम के लिए जी जान लगाकर मैच जीताने की कोशिश जरूर की लेकिन वह सफल नहीं हुए. इस मुकाबले में दिल्ली की तरफ से 38 रन की पारी खेलने वाले पवन नेगी को प्लेयर ऑफ द मैच के लिए चुना गया जिनका अपनी टीम की जीत में महत्वपूर्ण योगदान रहा.
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