MS Dhoni: आजकल प्रशंसकों से लेकर खिलाड़ियों तक सभी आईपीएल में व्यस्त नजर आते हैं. और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ट्रैफिक वॉर से तो आप जानते ही हैं कि बाजार की स्थिति कितनी खराब हो गई है. इस बीच आईपीएल 2025 के बीच धोनी बड़ी मुश्किल में फंस गए हैं. धोनी ही नहीं, ये दिग्गज भी मुश्किल में हैं.
कहते हैं कि ज्यादा लालची होना इंसान को शोभा नहीं देता. तो चलिए जानते हैं कि धोनी के साथ ऐसा क्या हुआ जिससे उन्हें 200 करोड़ का नुकसान हुआ.
MS Dhoni का इस वजह से हुआ नुकसान
आपको बता दें कि वित्तीय अनियमितताओं के आरोपों का सामना कर रही इलेक्ट्रिक राइड-हेलिंग स्टार्टअप ब्लूस्मार्ट में कई जानी-मानी हस्तियों ने निवेश किया है. ब्लूस्मार्ट अनमोल सिंह जग्गी की कंपनी है, जो इस समय बाजार नियामक सेबी के रडार पर है और सेबी ने उन पर किसी भी लिस्टेड कंपनी में कोई भी महत्वपूर्ण पद संभालने पर रोक लगा दी है.
ब्लूस्मार्ट की बात करें तो इसमें अनमोल सिंह जग्गी के निवेश पर सेबी की नजर है और यह बात सामने आ रही है कि अशनीर ग्रोवर के साथ-साथ एमएस धोनी और दीपिका पादुकोण जैसी बड़ी हस्तियों ने भी इस स्टार्टअप में पैसा लगाया है.
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इन लोगों ने भी दिखाई दिलचस्पी
एमएस धोनी, दीपिका पादुकोण, संजीव बजाज और अशनीर ग्रोवर ने ब्लूस्मार्ट में हिस्सेदारी ली है. दीपिका पादुकोण के पारिवारिक कार्यालय ने 2019 में ब्लूस्मार्ट के 3 मिलियन डॉलर के एंजल फंडिंग राउंड में भाग लिया था. बजाज कैपिटल के एमडी संजीव बजाज ने भी JITO एंजेल नेटवर्क और रजत गुप्ता के साथ इसी दौर में निवेश किया.
इसके बाद, वर्ष 2024 में, ब्लूस्मार्ट ने प्री-सीरीज़ बी फंडिंग में 24 मिलियन डॉलर जुटाए, जिसमें एमएस धोनी के पारिवारिक कार्यालय, रीन्यू पावर के सीईओ सुमंत सिन्हा और स्विस एसेट मैनेजमेंट फर्म रेस्पॉन्सएबिलिटी इन्वेस्टमेंट्स ने भाग लिया.भारतपे के संस्थापक अशनीर ग्रोवर ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर दावा किया कि उन्होंने भी ब्लूस्मार्ट में 1.5 करोड़ रुपये का निवेश किया था.
200 करोड़ का हुआ नुकसान
इलेक्ट्रिक कैब कंपनी ब्लूस्मार्ट ने फिलहाल दिल्ली एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु में अपनी सेवाएं बंद कर दी हैं. दिल्ली इंटरनेशनल एयरपोर्ट ने पैसेंजर एडवाइजरी में कहा कि एयरपोर्ट पर ब्लूस्मार्ट की सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं. सेबी की कार्रवाई से इसके कारोबार को झटका लगा है.
सेबी की जांच में पता चला है कि अनमोल सिंह जग्गी ने जेनसन द्वारा ईवी खरीदने के लिए जुटाए गए पैसे का दुरुपयोग किया और उससे एक लग्जरी अपार्टमेंट खरीदा। सेबी की जांच में 200 करोड़ रुपये से ज्यादा की धोखाधड़ी का पता चला है.
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