लॉकडाउन की वजह से मध्यवर्गीय परिवार के किचन का बजट चौपट हो गया है। पहले आलू फिर प्याज और अब सोयाबीन तेल की कीमत बढ़ गई है। वहीं सब्जी के बढ़ते दाम ने आम आदमी की टेंशन बढ़ा दी है। हालांकि सरसों तेल की कीमत ने लोगों की थोड़ी राहत दी है। सरसों तेल की कीमत में 5 से लेकर दस रुपये प्रति लीटर की कमी आई है।
कोरोना महामारी की मार से धीरे-धीरे उबर रहे आम आदमी की कमर को महंगाई ने तोड़ दिया है। जरूरी सामानों के दाम बढ़ने से किचन का बजट बिलकुल गड़बड़ा गया है। चावल, दाल, आटा, सोयाबीन तेल, चाय, नमक सबकी कीमतों में बड़ा इजाफा हुआ है।
अपर बाजार के थोक व्यापारी बताते हैं कि रांची के बाजार में अप्रैल 2021 के मुकाबले मई और जून में खाद्य तेलों की कीमतों में 40 प्रतिशत तक, दालों की कीमतों में करीब 10 प्रतिशत, चाय में 13 प्रतिशत तक का इजाफा हुआ है। वहीं चावल के रेट में 15 प्रतिशत, गेहूं के आटे में चार प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है।
पिछले महीने औसत क्वालिटी की चायपत्ती 217 रुपये किलो थी, जो इस महीने 271 रुपये किलो पर पहुंच गई है। इसके साथ मेधा, सुधा, ओसम और अमूल के डेयरी उत्पाद के दाम में भी बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि पिछले महीने अप्रैल से इस महीने में गेहूं, चीनी, आलू, प्याज और टमाटर की कीमतें नीचे आई हैं।
मांस-मछली के दाम में भी आई तेजी
अप्रैल के मुकाबले मई के महीने में मांस-मछली के दाम में भी तेजी आई है। पाॅल्ट्री पालक संघ के सदस्य अरुण महतो ने बताया कि गर्मी के कारण मुर्गों के वजन में अंतर आया है। इसके साथ ही मांग भी तेज हुई है। मुर्गों को खिलाए जाने वाले सोयाफीड की कीमत पिछले तीन महीने में 30 प्रतिशत बढ़ी है। ऐसे में दाम बढ़ाना मजबूरी है। वहीं बारिश के साथ जीरा डालने का वक्त हो गया है। ऐसे में अभी दो महीने मछली के भाव भी टाइट रहने की बात कही जा रही है।
सब्जी दर (प्रति किलो)
टमाटर-30
परवल-35
भिंडी-30
कद्दू-30
आलू- 25
प्याज-28
फूलगोभी-35
धनिया पत्ता- 150
मछली- 180-250
मुर्गा- 160
मटन-620