रिफाइंड ऑयल की महंगाई ने तो नाक में दम किया ही है कि अब अधिकतर घरों में इस्तेमाल होने वाला सरसों का तेल किचन का बजट फेल कर रहा था। मशीनों पर मिलने वाला सरसों का शुद्ध खुला तेल 135 रुपये लीटर से 200 रुपये पर पहुंच गया था। वहीं अगर बात सरकारी आंकड़ों की करें तो केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय की वेसाइट के मुताबिक सरसों के पैक तेल की कीमत भी पिछले एक महीने में कमी आई है।
इस वजह से उपर नीचे हो रहे हैं सरसों तेल के दाम
सरसों की पेराई करने वाले व्यवसायी बताते हैं कि एक हफ्ते पहले जो सरसों दाना 6500 रुपये क्विंटल था वह आज 8000 रुपये के पार चला गया है। उन्होंने बताया है कि अभी होली पर सरसों तेल 120 रुपये लीटर बिका और आज के डेट में 200 रुपये बेचना पड़ रहा है।
सिलेंडर और पेट्रोल हैं महंगे:
रसोई गैस सिलेंडर 30 जून को 818.50 रुपये मिल रहा था, लेकिन एक जुलाई को इसकी कीमतों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी की गई। अब रसोई गैस सिलेंडर 844 रुपये का मिल रहा है। डीजल की कीमतों में एक सप्ताह से कोई इजाफा नहीं हुआ है। पेट्रोल के भाव 17 जुलाई को 90 रुपये लीटर थे, लेकिन इसके बाद पेट्रोल की कीमत में 8.29 रुपये की बढ़ोतरी हुई। बुधवार को पेट्रोल 98.29 रुपये लीटर बिका।
सरसों के तेल की कीमत में आया गिरावट
मई में सरसों का तेल 180 रुपये लीटर तक पहुंच गया था। सरसों के तेल की कीमतों में 25 रुपये लीटर तक की कमी आई है। बाजार में सरसों का तेल 155 रुपये लीटर बिक रहा है। पिछले वर्ष सरसों के तेल के भाव 115 से 120 रुपये लीटर तक रहे।