Mustard oil price: महंगाई चरम पर पहुंच गई है। सरसों तेल से लेकर नमक तक की कीमत में उछाल आ गई है। इसके चलते भोजन की थाली अब आम लोगों से दूर होती जा रही है। रसोई गैस पहले ही गरीबों की पहुंच से दूर हो चुकी है। एक सिलिंडर की कीमत एक हजार के करीब पहुंच गई है। यही वजह है कि उज्जवला योजना के तहत रसोई गैस लेने वाले 75 फीसद उपभोक्ता फिर से लकड़ी या कोयला पर खाना बनाने लगे हैं। पांच रुपये का सरसों तेल खरीदने वालों को अब दुकानदार भगा दे रहे हैं। दस रुपये से कम का तेल नहीं बेच रहे।
सरसों तेल ने लगाया दोहरा शतक
सरसों तेल ने पहली बार दोहरा शतक लगाया है। बाजार में यह दो सौ रुपये लीटर है। थोक बाजार में 190 रुपये लीटर है। एक से डेढ़ माह के दौरान सरसों तेल में 40 से 50 रुपये का उछाल आया है। रिफाइन में दस से 20 रुपये का उछाल आया है। 140 से 150 रुपये लीटर बिकने वाला रिफाइन 160 रुपये लीटर बिक रही है। सफोला रिफाइन 215 रुपये लीटर हो गया है, जबकि पातंजलि 190 रुपये लीटर है। चीनी की कीमत भी लगातार बढ़ रही है। इसकी कीमत चार सौ रुपये क्विंटल तक बढ़ गई है। खुदरा बाजार में 44 से 45 रुपये किलो बिक रही है।
इन चीजों के भी बढ़े दाम
सोयाबीन दस रुपये महंगा हो गया है। तीन सौ ग्राम का पैकेट पहले 45 रुपये में मिल रहा था। अब 55 रुपये हो गया है। थोक व्यवसायियों की मानें तो इसकी कीमत में और बढ़ोत्तरी हो सकती है। सधारण नमक भी दो से तीन रुपये किलो महंगा हो गया है। टाटा नमक की कीमत कुछ दिन पहले तक 20 रुपये किलो थी, जो बढ़कर 22 रुपये हो गई है।