आसमान छूने के बाद सरसों तेल की कीमत काबू में आ गई है। 90 रुापये से बढ़कर 175 रुपये प्रति लीटर मूल्य होने के बाद इसका मूल्य अब अलग-अलग ब्रांड में 152 से लेकर 158 रुपये के बीच आ गया है। एक से दो दिन में फुटकर बाजार में नए दर पर तेल मिलने लगेगा।
पिछले महीने 185 रूपये तक पहुंच गई थी कीमत
हाल के दिनों में अचानक बढ़े सरसों तेल और रिफाइंड ने किचन का जायका बिगड़ गया था। कीमत कम होेने की वजह से लोगों को आंशिक राहत मिली है। महंगाई के कारण जहां घरों में छह लीटर खपत होती थी, वहां तीन से चार लीटर में काम चलाया जा रहा था। थोक विक्रेताओं के मुताबिक सरसों के तेल एवं रिफाइंड में 10 से 15 रुपये प्रति लीटर और कम हाे सकता है।
बीते कुछ दिनों से महंगाई ने रसोई का बजट बिगाड़ रखा था। पहले आलू, प्याज, दाल और फिर खाद्य तेलों की बढ़ती कीमतों ने खाने का जायका कम कर दिया था। बीते दो माह से रिफाइंड एवं सरसों के तेल में आग लगी हुई थी। पिछले वर्ष अप्रैल-मई में सौ रुपये लीटर बिकने वाला सरसों का पैक्ड तेल 185 रुपये लीटर पहुंच गया था। इसी तरह रिफाइंड भी 90 से बढ़कर 175 रुपये बिकने लगा। इधर, एक सप्ताह से तेल की कीमतों में कमी आई है। शनिवार को थोक मंडी में ब्रांडेड पैक्ड सरसों का तेल 152 से लेकर 158 रुपये के बीच बिका।
रिफाइंड की कीमत भी गिरी
इसी तरह रिफाइंड भी 150 रुपये लीटर के आसपास आ गया है। कीमत में गिरावट का असर दो दिन बाद फुटकर बाजार में देखने को मिलेगा। थोक कारोबारी संजय कुमार ने बताया कि जिले में सरसों और रिफाइन तेल की आवक बरेली, राजस्थान के भरतपुर और मध्य प्रदेश से होती है। बीच में कीमत काफी बढ़ गई थी, अब धीरे-धीरे कम होने लगी है।
डिमांड कम हुई तो घटी कीमत
इससे व्यवसायियों के साथ-साथ आम लोगों को थोड़ी राहत मिलेगी। तेल की मांग कम होने के चलते भी कीमतों पर असर पड़ा है। एक किराना कारोबारी ने बताया कि दाल के बाद सरसों के तेल का दाम कम हाे रहे हैं। दाम बढ़ने से तेल की बिक्री 20 फीसद तक कम हो गई थी।