ODI Cricket: आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप लीग में 8 टीमों के बीच जबरदस्त टक्कर चल रही है। इस टूर्नामेंट का 78वां मैच गुरुवार को स्कॉटलैंड और नीदरलैंड के बीच के स्कॉटलैंड के डंडी शहर में खेला गया। इस मैच में पूरी तरह से बल्लेबाजों का बोलबाला देखने को मिला और उन्होंने कुल मिलाकर 743 रन कूट दिए। इसके अलावा यहां वनडे क्रिकेट (ODI Cricket) इतिहास का दूसरा सबसे सफल रन चेज भी देखने को मिला। तो आइये आपको स्कॉटलैंड और नीदरलैंड के बीच खेले गए इस मुकाबले की विस्तार से जानकारी देते हैं।
रचा गया इतिहास
इस मुकाबले में स्कॉटलैंड ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला लिया। जॉर्ज मुंसी और चार्ली टियर ने अपनी टीम को अच्छी शुरुआत दिलाते हुए पहले विकेट के लिए 53 रन की साझेदारी की। मगर इसके बाद चार्ली (23 रन बनाकर) आउट हो गए। ब्रैंडन मैकमुलन (21 रन), लिअम नेलोर (14 रन) और फिनले मैकक्रेथ (9 रन) भी अपनी टीम के लिए कुछ खास योगदान नहीं दे पाए।
मगर दूसरी छोर से जॉर्ज मुंसी ने स्कॉटलैंड की पारी को संभाल कर रखा और अपना तीसरा वनडे शतक जड़ा। इतना ही नहीं वे अपना दोहरा शतक पूरा करने से भी महज 9 रन से चुके। बाएं हाथ के बल्लेबाज ने 150 गेंदों में 14 चौकों और 11 छक्कों की मदद से 191 रन की यादगार पार खेली।
स्कॉटलैंड ने खड़ा किया बड़ा स्कोर
जॉर्ज मुंसी की शानदार इनिंग के बाद कप्तान मैथ्यू क्रॉस (59 रन) ने भी स्कॉटलैंड के अच्छी पारी खेली और टीम का स्कोर 50 ओवर के बाद 369/6 तक पंहुचा दिया। हालांकि स्कॉटलैंड की अंदाजा नहीं था कि नीदरलैंड के खिलाड़ी आज इतिहास रचने के इरादे से मैदान पर उतरे हैं। 4 गेंदें शेष रहते 6 विकेट के नुकसान पर 374 रन बनाकर ऐतिहासिक जीत दर्ज कर ली। यह वनडे (ODI Cricket) इतिहास का दूसरा सबसे सफल रन चेज है।
मैक्स ओडवड रहे जीत के हीरो
नीदरलैंड की जीत के हीरो मैक्स ओडवड रहे। वे पारी की शुरुआत से लेकर अंत तक मैदान पर डटे रहे। बीच के ओवर में ऑरेंज जर्सी वाली टीम की पारी लड़खड़ाई थी, लेकिन मैक्स ने अपनी टीम को संभाला और अपनी टीम का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज करवा लिया। उन्होंने 130 गेंदों में 13 चौकों और 4 छक्कों की मदद से 158 रन की शानदार पारी। इसके अलावा मिचेल लेविट ने 44 रन बनाए। तेजा निदामानुरू ने 51 रन और नोआ क्रोएस ने 50 रन का योगदान दिया।
आपको बता दें कि वनडे (ODI Cricket) का सबसे बड़ा रन चेज का रिकॉर्ड दक्षिण अफ्रीका के नाम दर्ज है। उन्होंने 2006 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यह कारनामा करके दिखाया था।
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