Gautam Gambhir: टीम इंडिया के मुख्य कोच के रूप में फिलहाल गौतम गंभीर कार्य कर रहे हैं, लेकिन टेस्ट मैचों में टीम के हालिया प्रदर्शन के बाद उन्हें कोच पद से हटाए जाने की चर्चाएं तेज हो गई हैं, जिसके बाद गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) की जगह लेने के लिए अब एक और दावेदार का नाम अचानक सुर्खियों में आ गया है। यह नाम क्रिकेट जगत में खास पहचान रखता है और उसे ‘सचिन का साया’ कहा जाता है।
Gautam Gambhir जैसे ही आक्रामक सोच का है ये दावेदार
गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) के विकल्प के तौर पर जिस पूर्व खिलाड़ी का नाम चर्चा में है, वे कोई नहीं, बल्कि भारतीय क्रिकेट में आक्रामक अंदाज़ और निर्भीक सोच के लिए जाने जाने वाले पूर्व सलामी बल्लेबाज वीरेन्द्र सहवाग हैं।
सहवाग का मानना रहा है कि क्रिकेट एक मानसिक खेल है और खिलाड़ी को आज़ादी दी जानी चाहिए। बतौर बल्लेबाज़ उन्होंने अपने करियर में कई मौकों पर मैच का रुख अकेले दम पर पलटा है। यही गुण उन्हें कोचिंग के लिए उपयुक्त बनाता है।
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खिलाड़ियों के बीच मजबूत पकड़ और भरोसेमंद छवि
सहवाग की सबसे बड़ी ताकत यह है कि वे टीम के भीतर खिलाड़ियों के साथ अच्छा तालमेल बनाकर चलते हैं। उनका स्वभाव खुला और प्रेरणादायक है, जिससे युवा खिलाड़ियों के बीच वे बेहद लोकप्रिय हैं। ड्रेसिंग रूम का माहौल हल्का रखना उनकी कोचिंग शैली की खासियत है।
सहवाग ने 104 टेस्ट, 251 वनडे और 19 टी20 मुकाबले भारत के लिए खेले हैं। टेस्ट क्रिकेट में 8586 रन, वनडे में 8273 रन और टी20 में 394 रन उनके नाम दर्ज हैं। खास बात यह रही कि टेस्ट में दो तिहरे शतक लगाने वाले वे भारत के इकलौते बल्लेबाज़ हैं।
क्या कोचिंग में दोहराएंगे मैदान वाली आक्रामकता?
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या सहवाग मैदान में दिखाई गई अपनी आक्रामकता और सोच को कोचिंग में भी उतार पाएंगे। बीसीसीआई के सामने अब एक ऐसा विकल्प है जो न सिर्फ अनुभवी है, बल्कि भारतीय क्रिकेट की आत्मा को भी बखूबी समझता है।
अगर उन्हें यह ज़िम्मेदारी सौंपी जाती है, तो यह फैसला टीम इंडिया को एक नई दिशा में ले जा सकता है। उनकी आक्रामक सोच और खिलाड़ियों को स्वतंत्रता देने की शैली से टीम को नया आत्मविश्वास मिल सकता है।
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