वाशिंगटन: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा अपनी नई किताब को लेकर इन दिनों खूब चर्चाओं में हैं। बता दें कि ओबामा ने अपनी किताब में राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी व मनमोहन सिंह के बारे में कुछ ऐसी बातें लिखीं, जिसे लेकर भारत की राजनीति में मुद्दा काफी ज्यादा गर्माया हुआ है।
ओबामा की किताब में मुंबई हमलों का जिक्र
ओबामा ने अपनी नई किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में वर्ष 2008 में हुए मुंबई हमलों का भी जिक्र किया। ओबामा ने अपनी नई पुस्तक में यह दावा किया कि मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई करने से किसी न किसी तरह से बच रहे थे। जिसके कारण उनको राजनीतिक नुकसान झेलना पड़ा। इसी कड़ी में उन्होनें आगे लिखा है कि मनमोहन सिंह इसको लेकर काफी ज्यादा चिंतत थे, कि मुस्लिम-विरोधी भावनाएं बढ़ रही हैं, जिससे भाजपा मजबूत हो रही है व इस हमले के बाद वो और भी मुखर हो सकती हैं।
इसलिए मनमोहन सिंह को बनाया गया पीएम
ओबामा ने अपनी किताब ‘ए प्रॉमिस्ड लैंड’ में भारत से संबंधित और भी कई चीजों का जिक्र किया। ओबामा ने मनमोहन सिंह को प्रधानमंत्री बनाए जाने पर भी बड़ी टिप्पणी की है। वहीं ओबामा ने अपनी किताब में कहा कि सोनिया ने मनमोहन सिंह को काफी सोच-विचार कर प्रधानमंत्री बनाया। उन्होनें ऐसा इसलिए कहा कि क्योंकि वह चाहती थीं कि राहुल गांधी के लिए आगे किसी भी तरह की कोई चुनौती ना खड़ी हो।
ओबामा ने आगे लिखा है कि ‘कई सियासी जानकार यह बात मानते हैं कि सोनिया ने मनमोहन सिंह को बहुत काफी सोच-समझकर प्रधानमंत्री बनाया। मनमोहन सिंह का कोई भी मजबूत पॉलिटिकल बेस नहीं था, सच्चाई कुछ और ही है। दरअसल, सोनिया गांधी ये बिल्कुल भी नहीं चाहती थी, कि उनके बेटे राहुल गांधी के राजनीतिक भविष्य पर किसी तरह का कोई खतरा पैदा ना हो। सोनिया गांधी, राहुल गांधी को कांग्रेस का नेतृत्व सौंपने के लिए पूरी तरह से तैयार कर रही थीं।
ओबामा ने इस डिनर का भी किया जिक्र
इन सबके अलावा ओबामा ने अपनी किताब में एक डिनर के बार में भी जिक्र किया। जिसे ओबामा के सम्मान में मनमोहन सिंह ने होस्ट किया था। साथ ही इसमें राहुल व सोनिया भी शामिल हुए थे। ओबामा ने लिखा है कि सोनिया गांधी कुछ भी बोलने से अधिक सुनना पंसद कर रही थी।
वहीं जैसे ही किसी भी पॉलिसी मैटर की ओर बात होती थी, तो वह अपने बेटे राहुल की तरफ बातचीत के रुख को मोड़ देतीं थीं। मेरे सामने अब यह बिल्कुल साफ हो गया था कि सोनिया गांधी बुद्धिमान हैं और वह इसे जाहिर भी कर देती हैं। उस वक्त मुझे राहुल स्मार्ट व जोशीले दिखाई दिए। वहीं उन्होंने मेरे साल 2008 के इलेक्शन कैम्पेन के बारे में भी सवाल किए।
बता दें कि इससे पहले ओबामा ने अपनी किताब में राहुल गांधी पर बड़ी टिप्पणी करते हुए उन्हें ‘नर्वस’ बताया था। वहीं वायनड से लोकसभा सांसद राहुल गांधी का जिक्र करते हुए ओबामा ने कहा कि ‘राहुल गांधी एक घबराए हुए व अपरिपक्व व्यक्ति हैं, जिसने अपना पाठ्यकम पूर्ण कर लिया हो और वह अपने अध्यापक को प्रभावित करने के लिए उत्सुक हो, हालांकि उसके अंदर विषय में महारत हासिल करने की योग्यता व जुनून की काफी भारी कमी हो।’
बता दें कि, ओबामा द्वारा राहुल गांधी के लिए लिखी गई इन सभी बातों को लेकर काफी जोरों से चर्चाएं हुई थी। वहीं इसको लेकर भाजपा राहुल गांधी व कांग्रेस पार्टी पर तंज भी कस रही थी।
‘रामायण सुनकर हुआ हूं बड़ा’
इसके अलावा ओबामा ने अपनी किताब में बताया था कि वह रामायण व महाभारत सुनकर बड़े हुए है। ओबामा ने बताया कि साल 2010 में राष्ट्रपति बनने से पहले मैं कभी भारत नहीं गया था। लेकिन मेरे दिल में भारत के लिए हमेशा से ही सम्मान रहा है, क्योंकि मेरा बचपन इंडोनेशिया में बीता था और यहां हिंदू कथाओं रामायण व महाभारत को सुनकर मैं बड़ा हुआ हूं।
ओबामा ने आगे कहा कि भारत की ओर आर्कषक की सबसे बड़ा कारण महात्मा गांधी हैं। वहीं अब्राहिम लिंकन, मार्टिन लूथर व नेल्सन मंडेला के साथ ही गांधी ने मेरी सोच को काफी ज्यादा प्रभावित किया। अमेरिका के 44वें राष्ट्रपति रहे ओबामा ने अपनी किताब में कहा है कि साल 1990 के दशक में भारत की अर्थव्यवस्था व अधिक बाजार आधारित हुई। जिससे भारतीयों का असाधारण उद्यमिता कौशल प्रकाश में आया और इससे विकास दर भी बढ़ी, तकनीकी क्षेत्र फला-फूला और मध्यमवर्ग का तेजी से विस्तार हुआ।