Player: भारतीय टीम में इन दिनों कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है। टीम इंडिया में इन दिनों कई युवा खिलाड़ियों को मौका दिया जा रहा है। कप्तान शुभमन गिल और हेड कोच गौतम गंभीर की जोड़ी नए चेहरों को एक्सपोजर देने में भरोसा कर रही है। हालांकि, कुछ चयन ऐसे हैं जिन पर लगातार सवाल उठ रहे है। इसी कड़ी में आज हम आपको उस खिलाड़ी (Player) के बारे में बताने जा रहे है, जो वनडे क्रिकेट खेलने लायक नहीं है लेकिन फिर भी कोच गौतम गंभीर उन्हें हर मैच में मौका देते है। तो आइए जानते है कौन है ये खिलाड़ी……
वनडे खेलने लायक नहीं ये Player
दरअसल हम जिस खिलाड़ी (Player) की बात कर रहे है, वो टीम इंडिया के तेज गेंदबाज हर्षित राणा है। हर्षित राणा ने घरेलू क्रिकेट और आईपीएल में तेज गेंदबाज के रूप में अपनी पहचान बनाई है। कोलकाता नाइट राइडर्स (KKR) की ओर से उन्होंने कई मौकों पर शानदार गेंदबाजी की, खासकर डेथ ओवरों में उनकी आक्रामक गेंदबाजी और जोश देखने लायक रहा।
यही वजह थी कि गौतम गंभीर, जो KKR के मेंटर थे और अब भारतीय टीम के कोच हैं, उन्होंने इस युवा गेंदबाज पर भरोसा जताते हुए वनडे टीम में जगह दिलाई। मगर, सवाल यह है कि क्या हर्षित वाकई वनडे क्रिकेट के लिए तैयार हैं?
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वनडे में महंगे हुए साबित
वनडे फॉर्मेट में फिटनेस, निरंतरता और लंबी स्पेल डालने की क्षमता बहुत अहम होती है। हर्षित की गेंदों में भले ही रफ्तार और उछाल है, लेकिन अभी तक उन्होंने सीमित ओवरों में अपनी नियंत्रण क्षमता साबित नहीं की है। उनके आंकड़ों पर नजर डालें तो घरेलू लिस्ट ए मुकाबलों में उनका औसत और इकोनॉमी रेट कुछ खास नहीं रहा है। कई बार वे शुरुआती ओवरों में विकेट तो निकाल लेते हैं, लेकिन मिडल ओवरों में रन लीक करने लगते हैं। यही कमजोरी वनडे फॉर्मेट में भारी पड़ सकती है।
इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए पहले वनडे मुकाबले में भी हर्षित काफी महंगे साबित हुए है। उन्होंने चार ओवर में 27 रन खर्च किए है। जिसके चलते उनके चयन को लेकर लगातार सवाल उठ रहे है।
टी20 और घरेलू टूर्नामेंट में करे फोकस
कई क्रिकेट विशेषज्ञों का मानना है कि हर्षित राणा (Player) को फिलहाल टी20 और घरेलू टूर्नामेंटों में ही निखरने का समय देना चाहिए। कई क्रिकेट पंडितों और कमेंटेटर का मानना है कि “हर तेज गेंदबाज जो टी20 में चमकता है, वह वनडे में जरूरी नहीं कि उतना ही असरदार साबित हो।” वनडे में बल्लेबाजों के पास टिकने का मौका होता है, वहीं गेंदबाज को रणनीति, लाइन-लेंथ और धैर्य की जरूरत पड़ती है। यही क्षेत्र है जहां हर्षित को अभी काफी सुधार की जरूरत है।
गंभीर की अलग सोच
वहीं, हेड कोच गौतम गंभीर (Player) की सोच कुछ अलग दर्शाती है। वे हमेशा ऐसे खिलाड़ियों पर भरोसा जताते हैं जिनमें ‘फ़ायर’ और ‘फियरलेसनेस’ हो। गंभीर का मानना है कि हर्षित जैसे युवा खिलाड़ियों को तभी निखारा जा सकता है जब उन्हें बड़े मंच पर लगातार मौके दिए जाएं। गंभीर की यही रणनीति केकेआर में भी कारगर रही थी, जब उन्होंने रिंकू सिंह और वेंकटेश अय्यर जैसे युवाओं पर दांव लगाया था। अब वे उसी फार्मूले को भारतीय टीम के साथ आजमा रहे हैं।
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