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खतरे में नेपाल की ओली सरकार, चीन और पाकिस्तान की है बड़ी भूमिका

खतरे में नेपाल की ओली सरकार, चीन और पाकिस्तान की है बड़ी भूमिका

नेपाल की सरकार बड़ा उलटफेर हो सकता है। नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली लंबे वक्त भारत पर हमला बोलते हुए ये आरोप लगा रहे हैं कि भारत नेपाल में उनकी सरकार अस्थिर कर रही है। जबकि हकीकत ये है कि नेपाल में राजनीति उठा-पटक लंबे वक्त से जारी है, जिसके पीछे पूर्व प्रधानमंत्री प्रचंड को बड़ी वजह माना जा रहा है और अब वो अपनी पार्टी में घिर गए हैं।

सोमवार तक बची कुर्सी

नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की अंदरूनी सियासी लड़ाई इतनी बढ़ गई है कि केपी शर्मा ओली की कुर्सी खतरे में है। फिलहाल, नेपाल के प्रधानंमत्री केपी शर्मा ओली के इस्तीफे पर सस्पेंस बरकरार है। आज होने वाली नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी की बैठक रद्द कर दी गई है। अब ये बैठक सोमवार को होगी जिसमें ओली की कुर्सी पर फैसला हो सकता है।

राष्ट्रपति से की मुलाकात

नेपाल की राजनीतिक पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’, माधव कुमार नेपाल समेत पार्टी के सभी नेता शामिल होने वाले थे। खबरों के मुताबिक प्रचंड अपने बहुमत वाले नेताओं के साथ पार्टी से अलग होना चाहते हैं। इसी बीच प्रचंड ने कल राष्ट्रपति विद्या देवी भंडारी से मुलाकात की थी। नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के ज्यादातर सदस्य पीएम ओली के विरोध में है और यही उनकेे लिए सबसे बड़ी मुश्किल है।

चीन और पाकिस्तान की बड़ी भूमिका

नेपाल में जारी राजनीति अस्थिरता के बीच भारत का दुश्मन चीन नेपाली प्रधानमंत्री ओली की कुर्सी बचाने में जुट गया है। नेपाल में चीन की राजदूत होउ यानिका ने शुक्रवार को राष्ट्रपति से मुलाकात की थी और नेपाल में राजनीतिक स्थिति पर चीन हसतक्षेप कर रहा है।

चीन और पाकिस्तान ने मिलकर भारत के खिलाफ नेपाल को उकसाया है। नेपाल को उकसाने में चीन की राजदूत होउ यानिकी की बड़ी भूमिका है होउ यानिकी नेपाल के प्रधानमंत्री से लगातार संपर्क में है। यानिकी नेपाल के कई बड़े नेताओं के भी संपर्क में है और नेपाल के प्रधानमंत्री की सरकार बचाने में बड़ी भूमिका निभा रहे हैं।

 

 

 

 

 

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