नई दिल्ली: दिल्ली की सर्दी अब लोगों को सताने लगी है। पहाड़ी इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के चलते दिल्ली के मौसम में बदलाव आया है। बता दें कि, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में न्यूनतम तापमान पहली बार 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे चला गया है।
पहली बार पारा इस स्तर तक पहुंचा
वहीं मौसम विभाग के मुताबिक, गुरुवार को तपामान 9.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। बताया जा रहा है कि इस मौसम में पहली बार पारा इस स्तर तक आया है, जोकि सामान्य से 3 डिग्री कम है। वहीं अधिकतम तापमान 25.6 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जोकि सामान्य से 2 डिग्री कम है।
भारती मौसम विभाग (आईएमडी) ने सोमवार को यह बताया था कि बर्फ से ढंके पश्चिमी हिमालय की तरफ से बर्फीली हवाओं के चलने के कारण इस सप्ताह तापमान 10 डिग्री से नीचे चला जाएगा। वहीं पंजाब के आदमपुर व फरीदकोट में भी इस मौसम का न्यूनतम तापमान दर्ज किया गया है। बता दें, गुरुवार को यहां पारा 5.6 डिग्री सेल्सियस रहा था। वहीं हिसार, रोहतक, सिरसा में तापमान क्रमश: 8.2, 8,9 और 8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इस वक्त न्यूनतम तापमान 10 से नीचे आना असामान्य
रीजनल वेदर फोरकास्टिंग सेंटर के हेड कुलदीप श्रीवास्तव ने कहा है कि, ”सामान्य तौर पर न्यूनतम तापमान नवंबर माह में 10 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं जाता है। साल 2017 में नवंबर के आखिरी सप्ताह में न्यूनतम तापमान 7.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इस वक्त न्यूनतम तापमान 10 से नीचे आना असामान्य है।”
वहीं मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि रविवार से तापमान में और ज्यादा गिरावट आएगी। कुलदीप श्रीवास्तव के मुताबिक, ”22 नवंबर से पूरे उत्तर-पूर्व भारत में न्यूनतम तापमान में गिरावट दिखाई दे रही है, जब पश्चिमी विक्षोप पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित करने वाला है।”
इसी कड़ी में उन्होंने यह भी कहा कि शुक्रवार से हवा की रफ़्तार और बढ़ेगी, जोकि 18 किलोमीटर प्रति घंटे के आसपास हो सकती है। वहीं इससे दिल्ली में प्रदूषण का स्तर काफी कम होगा। गुरुवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 283 दर्ज किया गया, जोकि खराब श्रेणी में आता है।
21 नवंबर को न्यूनतम तापमान ऊपर जा सकता है
इसी क्रम में नेशनल वेदर फॉरकास्टिंग सेंटर के प्रमुख के साथी देवी ने कहा कि, ”न्यूनतम तापमान में गिरावट आकस्मिक नहीं है। अभी आसमान साफ है, इसलिए गर्मी दोबारा से विकीर्ण हो रही है। पश्चिमी विक्षोप के कारण पारे में गिरावट से पहले 21 नवंबर को न्यूनतम तापमान ऊपर जा सकता है।”