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पैसों के लिए मां बाप ने दिव्यांग बच्चें को बेचा, बुआ ने चमकाई किस्मत बना दिया चिकन पॉइंट

पैसों के लिए मां बाप ने दिव्यांग बच्चें को बेचा, बुआ ने चमकाई किस्मत बना दिया चिकन पॉइंट

जीवन संघर्ष का नाम है ये तो हम सभी लोग जानते है। हर बच्चें के लिए उसके मां बाप भगवान होते है क्योंकि उस बच्चें को वो दुनियां में लाते है बड़े होकर वो बच्चे अपने मां बाप को कुछ नहीं समझते । आज तक हम लोगों ने ऐसी ही कहानियां सुनी है।यहां तक की भगवान की आरती में भी मां के लिए यहीं लिखा गया है कि पूत कपूत सुने है पर ना माता सुनी कुमाता।

आज हम आपकों एक ऐसी सच्ची घटना बताने जा रहे हैं, जिसकों सुनने के बाद आपका खून के रिश्ते से भी विश्वास उठ जाएगा। हमेशा बच्चें मां बाप को घर के बाहर का रास्ता दिखाते हैं, लेकिन दो महीने के मासूम बच्चे को उसके मां बाप ने सिर्फ इसलिए बेंच दिया क्योंकि वो दिव्यांग था। आइए जानते हैं उस बच्चे की पूरी कहानी……….

खुद बताई अपनी आप बीती

दिल्ली के रहने वाले 26 साल के तेजिंदर ने अपने जीवन के उन क्षणों के बारे में बताया , जब उन्होंने ठीक से चलना भी नहीं सीखा था। तेजिंदर ने बताया कि जब वह 2 महीने के थे, तब उनके माता-पिता ने उन्हें मात्र 20,000 रुपये  में बेच दिया था। वो भी  केवल इसलिए क्योंकि उनका जन्म केवल एक हाथ के साथ हुआ था। उनके माता-पिता ने तेजिंदर का सौदा कर दिया था और वह भी एक भीख मांगने वाले गिरोह के साथ, लेकिन तेजिंदर की बुआ उनके लिए एक फरिश्ता बनकर आई और तेजिंदर के लालन पालन की जिम्मेदारी का अहम फैसला लिया ।

बुआ ने पढ़ाया लिखाया

तेजिंदर की बुआ भी ज्यादा अमीर नहीं थी,  लेकिन गरीबी के साथ-साथ उन्होंने अपने भतीजे तेजिंदर की पढ़ाई में कोई कमी नहीं रखी। इसके साथ ही साथ उन्होंने तेजिंदर का बहुत ख्याल रखा। तेजिंदर और आगे बढ़ना चाहते थे, लेकिन पैसों की तंगी के कारण ऐसा हो नहीं पाया, जब तेजिंदर अपने पैरों पर खड़े हो गए तो उन्होंने अपनी मां समान बुआ का खर्च उठाने के लिए काम की तलाश शुरू की।

जिम जाने से बनी किस्मत

तेजिंदर ने अपने घर के पास में ही वर्कआउट के लिए जिम जाना शुरु कर दिया, जहां पर उनके कोच दिनेश ने 2016 में उन्हें दिल्ली प्रतियोगिता में नाम रजिस्टर कराने का सुझाव दिया। इस के बाद तेजिंदर ने उस टाइटल को अपने नाम किया और जीत हासिल की, लेकिन इसके साथ उनके घर की हालात बिगड़ रहे थे। घर के खर्चे के लिए उनके पास पैसे नहीं थे। इसके बाद तेजिंदर  फिटनेस के कोच बन गए, लेकिन यहां भी किस्मत ने साथ नहीं दिया और कोरोना के कारण जिम बंद हो गए।

मिली नई राह

इतनी मुसीबतों के बाद तेजिंदर ने एक चिकन पॉइंट खोला। इसके लिए तेजिंदर को अपने कोच से 30,000 रुपये उधार लेने पड़े, लेकिन देखते ही देखते उनके स्टाल पर लोगों की भीड़ लगने लगी। हालांकि दिल्ली में बढ़ते कोरोना के केस को देखते हुए उनका बिजनेस एक बार फिर से प्रभावित तो हुआ है, लेकिन इस समय तेजिंदर  के स्टाइल में हाफ प्लेट टिक्का डेढ़ सौ और फुल प्लेट की कीमत ढाई सौ है ।एक हाथ से ही टिका बनाकर लोगों को सर्व करते हैं ।

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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