पिछले महीने से कड़ाके की ठंड में किसानों का कृषि कानून के खिलाफ प्रदर्शन जारी है, जिसपर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस कानून के सकारात्मक फायदे गिनाये है. उन्होंने कहा कि, दिल्ली में किसानों को भ्रमित करने की साजिश चल रही है.
मोदी के अनुसार विपक्ष के नेता किसानों को भड़का कर अपना राजनीतिक फायदा लेना चाहते है. हमने अधिकार छीने नहीं है बल्कि किसानों को उनकी फसल की अच्छी कीमत दिलवाने के लिए उनकी मदद की है.
प्रधानमंत्री : किसानों को डराया जा रहा है
प्रधानमंत्री ने किसान आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘किसानों को डराया जा रहा है, उन्हें इस बात के लिए भ्रमित किया जा रहा है कि इस कृषि कानून से उनकी जमीन छीन जाएगी.
नरेंद्र मोदी ने किसानों के डरायें जाने पर कहा , ”दिल्ली के आसपास किसानों को भ्रमित करने की बड़ी साजिश चल रही है. उन्हें डराया जा रहा है कि नये कृषि सुधारों के साथ उनकी जमीन छीन ली जाएगी.” वहीं कांग्रेस और आप पार्टी समेत कई राजनीतिक पार्टियां किसान आंदोलन के समर्थन में उनके साथ खड़ी है.
मोदी ने कहा की किसान अपने मुद्दे से भटक गये है, राजनीतिक दल उन्हें अपने फायदे के लिए इस्तेमाल करना चाहते है. इसके लिए उन्होंने अमूल जैसी सहकारी कंपनी को उदाहारण के रूप में समझाया. उन्होंने बताया की अमूल आज भी किसानों से ही दूध खरीदता है.
कृषि कानून के फायदे गिनाते हुए डेयरी फॉर्म को बताया उदाहारण
प्रधानमंत्री मोदी ने किसान आंदोलन को खत्म करने के मकसद से किसानों को इस कानून के फायदे गिनाये. उन्होंने कहा की डेयरी फार्म इसकी सबसे बड़ी मिसाल है. साथ ही उन्होंने किसानों से इस कानून का मुल्यांकन करने की बात कहीं. उनका मानना है इस कानून से किसानों को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं होगा बल्कि ये कानून उनके ही फायदे के लिए बनाया गया है, जिस पर पिछली सरकारों का ध्यान नहीं गया था.
प्रधानमंत्री ने कहा, ”डेयरी उद्द्योग का योगदान कृषि अर्थव्यवस्था के कुल मूल्य में 25 प्रतिशत से भी ज्यादा है. ये योगदान करीब 8 लाख करोड़ होता है. दूध उत्पादन का कुल मूल्य अनाज उत्पादन के कुल मूल्य से भी ज्यादा होता है.
इस व्यवस्था में पशु पालकों को आजादी मिली हुयी है.” उनका कहना था की डेयरी फार्म जैसी आजादी अनाज उत्पादकों को भी मिलनी चाहिए, और हमने इस कानून में किसानों को आजादी देने की कोशिश की है. साथ ही इस कानून को पुरे देश के किसान समर्थन दे रहे हैं.
किसानों को दिए 18 हजार करोड़ रूपये
गौरतलब है प्रधानमंत्री मोदी की पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत एक और किस्त किसानो के खाते भिजवा दी गयी है. इस योजना के तहत 18 हजार करोड़ रूपये किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर किये जा चुके है.
राहुल गांधी ने राष्ट्रपति से मुलाकात की
हाल ही में इस कानून के विरोध में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गाँधी के नेतृत्व में आज गुलाम नबी आजाद और अधीर रंजन चौधरी ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मीटिंग की है, साथ ही राहुल ने इस कानून के खिलाफ 2 करोड़ लोगों का हस्ताक्षर का ज्ञापन राष्ट्रपति के समक्ष पेश किया है.