नई दिल्ली- बिहार के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह (74) का रविवार को निधन हो गया। उन्होंने दिल्ली के एम्स में अंतिम सांस ली। वे पिछले चार दिनों से सांस की तकलीफ से जूझ रहे थे। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया था। शनिवार को स्थति बिगड़ने पर उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। शाम 7 बजे उनका शव पटना एयरपोर्ट लाया गया। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को वैशाली जिले के पैतृक गांव पानापुर पहेमी में किया जाएगा। आपको बता दें कि हाल में ही उन्हें कोरोना संक्रमण ने चपेट में ले लिया था। जिसके बाद वो ठीक भी हुए। उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई थी।
तीन दिन पूर्व ही आरजेडी छोड़ने का किया था ऐलान
पूर्व केंद्रीय मंत्री रघुवंश प्रसाद सिंह की पहचान बिहार के कद्दावर नेता के तौर पर होती थी। उन्हें अचानक तबीयत बिगड़ने की वजह से दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था। गुरुवार को रघुवंश प्रसाद ने आरजेडी मुखिया लालू प्रसाद यादव को पत्र लिख आरजेडी छोड़ने का ऐलान किया था।
सूत्रों के अनुसार रघुवंश प्रसाद सिंह राजद में रामा सिंह की एंट्री को लेकर नाराज चल रहे थे और इसी कारण उन्होंने पार्टी से इस्तीफा देने का निर्णय लिया था।हालांकि, उनके आरजेडी से इस्तीफे को लालू यादव ने पत्र लिखकर नामंजूर कर दिया था। साथ ही उन्हें मनाने की कोशिश करते हुए कहा था कि वो कहीं नहीं जा रहे।
मनरेगा योजना के थे सूत्रधार
रघुवंश प्रसाद सिंह की पहचान एक बेदाग और ईमानदार नेताओं के तौर पर होती रही है। अपने लंबे राजनीतिक जीवन में रघुवंश प्रसाद सिंह ने कई ऐसे जनता के लिए काम किए, जो नजीर बन गए, चाहे वह मनरेगा हो या फिर देश में हर जगह सड़क पहुंचाने का काम, रघुवंश बाबू के काम की चर्चा हमेशा होती रही। सबसे खास बात यह रही कि उनके पक्ष और विपक्ष दोनों दलों में अच्छे संबंध रहे। उनका हर नेता सम्मान करता था। लोग उन्हें प्यार से रघुवंश बाबू के नाम से बुलाते थे।
प्रिय रघुवंश बाबू! ये आपने क्या किया?
मैनें परसों ही आपसे कहा था आप कहीं नहीं जा रहे है। लेकिन आप इतनी दूर चले गए।
नि:शब्द हूँ। दुःखी हूँ। बहुत याद आएँगे।
— Lalu Prasad Yadav (@laluprasadrjd) September 13, 2020