कांग्रेस नेता सांसद राहुल गांधी विधानसभा चुनावों के लिए पार्टी के इलेक्शन कैंपेन को लेकर असम के दौरे के दौरे पर हैं। कल रविवार को राहुल गांधी ने कहा कि सीएए एक अवैध इमिग्रेशन का मुद्दा है, लेकिन असम के लोगों में वो क्षमता है कि इस मुद्दे को सुलक्षा सकते हैं। लेकिन आप हिंदुस्तान के गुलदस्ता के फूल हो। असम को नुकसान होगा तो देश को नुकसान होगा। राहुल गांधी ने कहा चाहे कुछ भी हो जाए सीएए कभी लागू नहीं होगा, ‘हम दो हमारे दो’ वाली सरकार सुन लो सीएए कभी नहीं होगा।
सीएए कभी लागू नहीं होगा राहुल गांधी
कांग्रेस नेता और पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने असम में विधानसभा चुनावों के लिए कल रविवार को पार्टी के इलेक्शन कैंपेन की शुरूआत की। राहुल गांधी ने शिवसागर जिले के शिवनगर बोर्डिंग फील्ड से पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत की। उन्होंने अपने संबोधन के दौरान असम के पूर्व सीएम और दिवंगत कांग्रेस नेता तरुण गोगोई की जमकर तारीफ की।
जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने बीजेपी और आरएसएस पर असम को विभाजित करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि “अगर प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में आई तो कभी भी संशोधित नागरिकता लागू नहीं करेगी”। रविवार को शिवसागर जिलें में एक चुनावी रैली में राहुल गांधी कंधे पर एक असमिया गमछा लिया था जिसपर सांकेतिक रुप से सीएए (संशोधित नागरिता कानून) शब्द को काटते हुए लिखा गया था।
राहुल ने कहा चाहे जो जाए प्रदेश में सीएए लागू नहीं होने देंगे
सभा को संबोधिक करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि, “चाहे जो जाए हम प्रदेश में सीएए लागू होने नहीं देंगे”। उन्होंने कहा कि, “असम समझौते से शांति आई है और यह राज्य के लिए रक्षक की तरह है। मै आपको आश्वस्त करता हूं कि कांग्रेस पार्टी इसके हर सिद्धांत की रक्षा करेगी और इससे एक इंच भी नहीं भटकेगी”।
#WATCH | "…..Hum ne yeh gamchha pehna hai.. ispe likha hai CAA.. ispe humne cross laga rakha hai, matlab chahe kuchh bhi ho jaye.. CAA nahi hoga.. 'hum do, hamare do' achhi tarah sun lo, (CAA) nahi hoga, kabhi nahi hoga," says Congress leader Rahul Gandhi in Sivasagar, Assam pic.twitter.com/ZYk7xAUdYx
— ANI (@ANI) February 14, 2021
असम में अप्रैल में विधानसभा चुनाव होने हैं। दिसंबर के बाद से पीएम मोदी और अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता असम का दौरा कर चुके हैं। हालांकि राहुल गांधी की यह रैली प्रदेश में कांग्रेस की पहली बड़ी चुनावी रैली है।
क्या है असम समझौता
सीएए का विरोध करने वालों का कहना है कि ये यह कानून असम समझौते का उल्लघंन करता है। असम समझौते के तहत साल 1971 के बाद अवैध तौर से असम में रह रहे विदेशियों की पहचान कर उन्हें वापिस भेजने का प्रावधान है, भले ही उनका कोई भी धर्म हो।
बीजेपी सरकार द्वारा लए गए, संशोधित नागरिकता कानून में 31 दिसंबर 2014 के बाद धर्म के आधार पर पाकिस्तान, बांग्लादेश और आफगानिस्तान से आए हिंदु, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई अवैध विदेशी नहीं समझे जाएंगे, उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।