जिंदगी में परिस्थितियां कितनी ही मुश्किल क्यों ना हो लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति दृढ़ निश्चय करके कठिन परिश्रम करता है, तो वह सफलता जरूर हासिल कर सकता है। इसी तरह का एक किस्सा है, झारखंड के एक छोटे गांव की रहने वाली रैना जमील का। महिलाओं की शिक्षा के मामले में झारखंड की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है, लेकिन यहां की बेटी रैना मेहनत और लगन से यूपीएससी की परीक्षा में सफलता हासिल कर आईएएस ऑफिसर बनी और गांव से लेकर शहर तक व पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। आइए जानते हैं कि, कैसे रैना ने तय किया गांव से अफसर बनने तक का सफर
परिवार ने किया पूरा सपोर्ट
रैना झारखंड के धनबाद इलाके में जन्मी है, जहां पर लड़कियों की शिक्षा पर कोई भी विशेष ध्यान नहीं दिया जाता है। उस दौरान रैना के परिवार ने उनका काफी साथ दिया, जिस वजह से वह खुद को बहुत ही भाग्यशाली मानती हैं। बचपन से ही रैना जमील के परिवार ने उनको पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। रैना को भी पढ़ना अच्छा लगता था। गांव में भले ही कुछ खास सुविधाएं उपलब्ध नहीं थी, लेकिन उन्होंने खुद पढ़ाई करके कुछ बनने का निश्चय कर लिया था।
शुरुआती शिक्षा उर्दू स्कूल से
रैना ने बताया है कि, उनकी शुरुआती शिक्षा गांव के ही एक उर्दू स्कूल से पूरी हुई है। जिसके बाद उन्होंने हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा वहीं से पास की। उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखी और ग्रेजुएशन के बाद पोस्ट ग्रेजुएशन किया। इसके बाद भी रैना ने यूपीएससी की परीक्षा पास करने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने तैयारी भी शुरू कर दी। पोस्ट ग्रेजुएशन में उनके पास जूलॉजी सब्जेक्ट नहीं था, लेकिन रैना ने यूपीएससी परीक्षा में ऑप्शनल सब्जेक्ट जूलॉजी को ही बनाया। वह साइंस की स्टूडेंट थीं। इस कारण उन्हें आर्ट्स के सब्जेक्ट पढ़ने और समझने में काफी ज्यादा मुश्किलें हुई। जिस में उनकी सहायता उनके बड़े भाई ने की थी, जो कि पहले ही यूपीएससी परीक्षा पास करके आईएएस बन चुके थे। रैना जमील 2019 बैच की आईएएस है।
स्ट्रेटजी बिना सफलता मुश्किल
रैना ने निश्चय कर लिया था कि, वह यूपीएससी परीक्षा में सफलता हासिल करके ही रहेंगी, जिस वजह से उसने कठिन परिश्रम किया। वह तब तक मेहनत करती रही जब तक परीक्षा पास नहीं कर ली। स्ट्रेटजी को लेकर जमील कहती है, यूपीएससी परीक्षा के लिए स्ट्रेटजी बेहद आवश्यक होती है। यह कैसी होनी चाहिए और इसे कैसे बनाएं, ये जानने के लिए टॉपर्स के इंटरव्यू देखना भी मदद कर सकता है। इसके अलावा दूसरे कैंडिडेट का अनुभव भी जान सकते हैं। रैना ने दूसरों से ही सीखा है, और अपने लिए स्ट्रेटजी भी तैयार की है। कितने प्रश्न हल करने से सिलेक्शन हो सकता है और कितने हल करने से नेगेटिव मार्किंग मिलेगी यह सब जानना भी पहले से बहुत आवश्यक है। इन सब के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है प्रैक्टिस! तैयारी की बात करें तो एनसीईआरटी की किताब से पढ़ाई करना लाभदायक हो सकता है। बेसिक ही नहीं क्लियर होगा तो आप आगे कैसे बढ़ेंगे।
छात्रों के लिए सलाह
रैना ने बताया, ‘आपको प्री और मेंस पास करने के लिए कम से कम और चुनिंदा किताबें ही रखनी होंगी। कम किताबे रखने से यह फायदा होता है कि, इक तो रिवीजन आसान हो जाता है और साथ ही साथ आपका समय भी बचता है। जो भी पढ़िए, अच्छे से बढ़िया और बार-बार रिविजन करिए। इस परीक्षा के लिए एक बार पढ़ना काफी नहीं होता है, इसके लिए छोटे-छोटे नोट साथ ही साथ बनाते चलिए और अंत तक यह आपकी सहायता करेंगे’। उनका कहना है कि, इसके लिए करंट अफेयर्स और अखबारों का भी बहुत आवश्यक है। किसी भी परीक्षा को पास करने के लिए पेपर बहुत महत्व रखता है। साथ ही साथ यूपीएससी परीक्षा में तो इसका और भी ज्यादा महत्व है। रोजाना अखबार पढ़ना आपके क्षेत्र में सफलता लाना और आसान बनाता है। साथ ही पक्का इरादा और धैर्य भी सफलता अवश्य हासिल करवाती है।