अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए हो रहे भूमि पूजन के पहले राम मंदिर ट्रस्ट ने मंदिर की प्रस्तावित तस्वीरें जारी की हैं। बनने के बाद अयोध्या का राम मंदिर कुछ ऐसा ही दिखेगा। इसके लिए अयोध्या में रामजन्मभूमि स्थल पर मंदिर निर्माण से पहले बुधवार को यहां भूमि पूजन का बड़ा कार्यक्रम हो रहा है, जहां मंदिर का शिलान्यास होना है। इसके लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या आ रहे हैं। पीएम ही मंदिर के मंदिर के निर्माण के लिए नींव की ईंट रखेंगे। मंदिर का यह डिजाइन वास्तुकार निखिल सोमपुरा ने तैयार किया है।
रामलला के मंदिर के लिए इससे पहले वीएचपी का पुराना मॉडल हमारे सामने था। इसे निखिल के पिता चंद्रकांत सोमपुरा ने तैयार किया था। अब पुराने डिजाइन में कुछ बदलाव किया गया है। मंदिर के नए मॉडल में ऊंचाई, आकार, क्षेत्रफल और बुनियादी संरचना में भी काफी परिवर्तन है।
पहले दो गुम्बद बनने थे
पहले मंदिर में दो गुबंद बनने थे। मूल मॉडल में बिना परिवर्तन किए इन्हें पांच कर दिया है। गर्भगृह से 200 फीट नीचे की मिट्टी का परीक्षण किया गया था। जिस जगह मिट्टी मंदिर का भार (वजन) सहने में कमजोर मिलेगी, उसके आगे तक मंदिर के आधार का प्लेटफार्म बढ़ाया जाएगा।।
मंदिर में सिंहद्वार, रंग मंडप, नृत्य मंडल, पूजा कक्ष और गर्भगृह के ऊपर पांचों गुंबद बनेंगे। शिलापूजन के बाद मशीनें लगाकर नींव खुदाई का काम शुरू हो जाएगा। मंदिर के फर्श में संगमरमर लगाया जाएगा। यह मंदिर लगभग 318 पिलर पर खड़ा होगा।
1.75 लाख घन फीट पत्थर की से होगा मंदिर निर्माण
पूरे मंदिर के निर्माण में करीब 1.75 लाख घन फीट पत्थर की जरूरत बताई गई थी। कारसेवकपुरम् में मंदिर के लिए पत्थर तराशे गए हैं, जिनसे एक मंजिला भवन तैयार हो जाएगा। बाकी दो मंजिला भवन के लिए पत्थर तराशे जाएंगे।
नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा
मंदिर के नींव के प्लेटफार्म को तैयार करने में तीन-चार महीने लग सकते हैं। यह नागर शैली में बना अष्टकोणीय मंदिर होगा। इसमें भगवान राम की मूर्ति और राम दरबार होगा। मुख्य मंदिर के आगे-पीछे सीता, लक्ष्मण, भरत और भगवान गणेश के मंदिर होंगे।