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अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को वापस लाए शिवपुरी के रविकांत गौतम, 56 घंटे न कुछ खाया और न ही सोए

अफगानिस्तान में फंसे 150 भारतीयों को वापस लाए शिवपुरी के रविकांत गौतम, 56 घंटे न कुछ खाया और न ही सोए

अफगानिस्तान में तालिबानी आतंकियों के खौफ के बीच से 150 भारतीयों को सुरक्षित निकालकर भारत वापस लाना एक बड़ी चुनौती था। परंतु भारत के आईटीबीपी के जवानों ने इस चुनौतीपूर्ण काम को बहुत ही सटीकता के साथ अपने अंजाम तक पहुंचाया और 150 भारतीयों को अफगानिस्तान के तालिबानियों के आतंक के बीच से सुरक्षित भारत में उनके घर वापसी करवाई। अफगानिस्तान से भारत वापस आने की पूरी यात्रा के दौरान हुए संघर्ष की दास्तान आइटीबीपी के कमांडेंट शिवपुरी के रविकांत गौतम ने विस्तार से बताई है।

2 जत्थे में 150 लोगों को निकाला अफगानिस्तान से बाहर

भास्कर डॉट कॉम के मुताबिल रविकांत गौतम ने बताया कि

“अफगानिस्तान के काबुल में भारतीय दूतावास से एयरपोर्ट का फासला करीब 15 किलोमीटर है। काबुल में फंसे हुए भारतीयों को भारतीय दूतावास से एयरपोर्ट तक पहुंचाने के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा। भारतीय लोगों के 150 के जत्थे को दो दलों में विभाजित करके दूतावास से एयरपोर्ट तक लाना पड़ा। पहले दल में 46 लोग थे जिन्हें तो बहुत आसानी से काबुल के भारतीय दूतावास से एयरपोर्ट तक पहुंचा दिया गया। परंतु दूसरे जत्थे में रमाकांत गौतम सहित एक राजदूत 99 कमांडो तीन महिलाएं और भारतीय दूतावास का पूरा स्टाफ सम्मिलित था। परंतु दूसरे जत्थे को भारतीय दूतावास से काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचाने में भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।”

रविकांत गौतम ने बताया पूरा घटनाक्रम

रविकांत गौतम ने बताया कि

“वे लोग भारतीय दूतावास के बाहर 15 अगस्त की सुबह ध्वजारोहण समारोह में उपस्थित थे तभी अचानक बमबारी की आवाज आना शुरू हो गई पूर्णविराम वे समझ गए कि तालिबानी आतंकियों ने हमला करना शुरू कर दिया है और वह थोड़ी ही देर में काबुल तक पहुंच जाएंगे। जल्द से जल्द उन्होंने काबुल एयरपोर्ट तक पहुंचने की योजना बनाई।”

रविकांत गौतम ने आगे कहा कि

“पहले 46 लोगों के एक ग्रुप को एयरपोर्ट तक सकुशल पहुंचा दिया गया और दूसरे जत्थे में जो भारतीय थे उनको लेकर 15 अगस्त की शाम को वह एयरपोर्ट पर निकले परंतु बीच में ही चेकप्वाइंट पर उन्होंने देखा कि हथियारबंद आतंकी हवा में फायरिंग कर रहे हैं।”

हाथापाई करने की बजाय वापस लौटे भारतीय दूतावास

उस समय रविकांत गौतम, की टीम ने सोचा कि उनसे हाथापाई करना उचित नहीं होगा और वह वापस भारतीय दूतावास पर लौट गए। फिर 16 अगस्त की सुबह से लेकर शाम तक करीब 4 बार उन्होंने दूतावास से एयरपोर्ट पहुंचने की कोशिश की परंतु पर विफल रहे। आखिरकार रात 10:00 बजे किसी भी तरह से वे भारतीय दूतावास से निकले और आतंकवादियों को चकमा देते हुए रात करीब 3:30 बजे काबुल एयरपोर्ट पहुंच गए।

रविकांत गौतम ने बताया कि

“15 अगस्त से लेकर गुजरात पहुंचने तक कुल 56 घंटे कि इस मशक्कत के दौरान ना ही उनमें से कोई सोया था और ना ही उन्होंने भोजन ग्रहण किया। भारत पहुंचने पर उन सभी भारतीयों को बहुत ही सुकून का अनुभव हो रहा है।”

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