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राशिद खान और मोहम्मद नबी ने खोला तालिबान सरकार के खिलाफ मोर्चा, तुगलकी फरमान का दिया मुंह तोड़ जवाब

राशिद खान और मोहम्मद नबी ने खोला तालिबान सरकार के खिलाफ मोर्चा, तुगलकी फरमान का दिया मुंह तोड़ जवाब

Afghanistan: तालिबान सरकार की तानाशाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। आपको बता दें, तालिबानी सरकार ने हाल ही में एक और तुगलकी फरमान जारी कर दिया है। जिसपर अफगानिस्तान (Afghanistan) के स्टार क्रिकेटर राशिद खान भड़क गए हैं। आइए जानते हैं कि यह पूरा मामला क्या है –

तालिबान सरकार ने जारी किया एक और तुगलकी फरमान

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तालिबानी तानाशाहों ने अफगानिस्तान (Afghanistan) की महिलाओं को एक और जंजीर से जकड़ने का फैसला ले लिया है। दरअसल तालिबानियों ने अफगान महिलाओं से अब एक और अधिकार छीन लिया है। पहले यहां महिलाओं की पढ़ाई पर रोक, फिर सार्वजनिक जगहों पर बोलने पर पाबंदी, फिर उनके पहनावे पर रोक और तमाम पाबंदियों के बाद अब तालिबानी सरकार ने महिलाओं के नर्सिंग की पढ़ाई करने पर भी पाबंदी लगा दी है।

तालिबान सरकार के खिलाफ स्टार खिलाड़ी

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पिछली बार की तरह तालिबान सरकार का ये फैसला किसी को रास नहीं आ रहा है। सरकार के इस फैसले का आम जानते के साथ बड़ी हस्तियां भी आलोचना कर रही हैं। आपको बता दें, अफगानिस्तान (Afghanistan) के स्टार क्रिकेटर राशिद खान तालिबानी सरकार के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर तालिबान के इस तुगलकी फरमान पर आपत्ति जताई है और कुरान का जिक्र कर उन्हे बड़ी नसीहत दी है।

दे दी बड़ी नसीहत

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अफगानिस्तान (Afghanistan) के स्टार खिलाड़ी राशिद खान ने सोशल मीडिया पर लिखा कि, इस्लामी शिक्षाओं में शिक्षा का एक केंद्रीय स्थान है, जिसमें पुरुषों और महिलाओं दोनों के लिए ज्ञान की खोज पर जोर दिया गया है। कुरान सीखने के महत्व पर प्रकाश डालता है और पुरुषों और महिलाओं के समान आध्यात्मिक मूल्य को स्वीकार करता है।

मैं बहुत दुख और निराशा के साथ हाल ही में अफगानिस्तान की बहनों और माताओं के लिए शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों के बंद होने पर विचार कर रहा हूं। इस फैसले ने न सिर्फ उनके भविष्य को, बल्कि हमारे समाज के व्यापक ताने-बाने को भी गहराई से प्रभावित किया है। सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने जो दर्द और दुख जताया है, वो उनके सामने आने वाले संघर्षों की मार्मिक याद दिलाता है।

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