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असम पर मेहरबान हुए रतन टाटा, गरीब लोगों की सुविधा के लिए दिए 27,000 करोड़, करने जा रहे हैं ये शुभ काम

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Ratan Tata: रतन टाटा (Ratan Tata) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने भारत में कई बड़े इंडस्ट्री दिए हैं जो पूरी दुनिया में कारोबार कर रहे हैं। अब एक बार फिर रतन टाटा नई इंडस्ट्री शुरू करने जा रहे हैं। उन्होंने इस इंडस्ट्री के लिए असम राज्य को चुना है। इस नई इंडस्ट्री के लिए वह 27,000 रुपये का निवेश करने जा रहे हैं. उन्होंने 20 मार्च को असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) से मुलाकात की और राज्य में टाटा के आगामी 27,000 करोड़ रुपये के नए इंडस्ट्री की घोषणा की। भारत ने इस इंडस्ट्री के माध्यम से विश्व गुरु बनने के लिए अपना कद और बढ़ा लिया है।

Ratan Tata ने असम को दिया बड़ा सौगात

दरअसल, रतन टाटा (Ratan Tata) ने असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के साथ बैठक की और असम में 27,000 करोड़ रुपये के सेमीकंडक्टर प्लांट की घोषणा की। बैठक के दौरान, मुख्यमंत्री ने एक कौशल विकास केंद्र बनाने पर भी चर्चा की, जो मोरीगांव के जगीरोड में सेमीकंडक्टर सुविधा के परिसर में सह-स्थित होगा। बैठक के बाद मुख्यमंत्री कहा,

“मोरीगांव के जगीरोड में टाटा सेमीकंडक्टर सुविधा हमें विश्व सेमीकंडक्टर मानचित्र पर लाएगी और पूर्वी भारत के आर्थिक परिदृश्य को बदल देगी।”

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सेमीकंडक्टर की दुनिया में भारत का बड़ा कदम

पिछले हफ्ते, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मोरीगांव जिले के जगीरोड में टाटा ग्रुप की 27,000 करोड़ रुपये की स्वदेशी “सेमीकंडक्टर असेंबली और परीक्षण सुविधा” की आधारशिला रखी। टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्राइवेट लिमिटेड (टीईपीएल) ने धोलेरा स्पेशल इन्वेस्टमेंट रीजन (डीएसआईआर) में अपनी 91,000 करोड़ रुपये की सेमीकंडक्टर विनिर्माण सुविधा की आधारशिला भी रखी। पिछले कुछ वर्षों में दुनिया भर में सेमीकंडक्टर की खपत में काफी वृद्धि हुई है। वर्तमान में भारत को दूसरे देशों से सेमीकंडक्टर खरीदना पड़ता है। ऐसे में जब भारत खुद ही सेमीकंडक्टर बनाना शुरू कर देगा तो उसे भविष्य में किसी से सेमीकंडक्टर खरीदने की जरूरत नहीं पड़ेगी और इसके साथ ही भारत दूसरे देशों को सेमीकंडक्टर निर्यात भी कर सकेगा। वर्तमान में, ताइवान दुनिया का सबसे बड़ा सेमीकंडक्टर विनिर्माण देश है।

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