नई दिल्ली- अगर आप के पास एक अच्छा बिजनेस आइडिया है और आप अपना स्टार्टअप शुरू करना चाहता हैं। आपके पास ज्यादा पूंजी भी नहीं है तो चिंता मत करिए। आपके के लिए एक राहत की बात है। भारतीय रिजर्व बैंक ने प्रायोरिटी सेक्टर लेंडिंग से जुड़े संशोधित दिशा-निर्देश जारी किए हैं। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा दिये गए इन नए दिशा-निर्देशों से नवीकरणीय ऊर्जा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा।
लघु किसानों को भी मिलेगा लाभ
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के नए नियमों का फायदा लघु किसानों को भी मिलने वाला है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के संशोधित नियमों के तहत 50 करोड़ रुपये तक के स्टार्टअप, किसानों को सोलर प्लांट्स लगाने और कम्प्रेस्ड बायोगैस प्लांट्स के लिए प्रायोरिटी सेक्टर के तहत लोन मिल सकेगा। आप अपने संबंधित दस्तावेज लेकर बैंक जाइये।
आपको प्राथमिकता के आधार पर बैंक लोन देंगे। आरबीआई ने कहा है कि जिन जिलों में प्रायोरिटी सेक्टर के तहत दिए जाने वाले कर्ज का फ्लो अपेक्षाकृत रूप से कम है, उन्हें अधिक तवज्जो दिया गया है।
बैंकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि उन जिलों में लोन ज्यादा दिया जाए जहां अन्य जिलों की अपेक्षा कम लोन दिया गया है। साथ ही बैंकों को ये हिदायत भी दी गई है कि जरूरतमंदों (जिनके सभी डॉक्यूमेंट पूरे हैं) को लोन देने में आना कानी न करें
हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) के मुताबिक इस पहल से नवीकरणीय ऊर्जा और हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में क्रेडिट फ्लो बढ़ेगा। आपको बता दें कि नवीकरणीय ऊर्जा और हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए लोन की सीमा को दोगुना तक बढ़ाया गया है।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) द्वारा दिये गए इन नए दिशा-निर्देशों से प्रायोरिटी सेक्टर के तहत लोन दिए जाने में क्षेत्रीय असमानताओं को दूर करने की कोशिश की गई है।