सोमवार को किसान यूनियनों ने छह फरवरी को चक्का करने का ऐलान किया था, ऐसे में राष्ट्रीय स्वंसेवक संघ (RSS) से जुड़े भारतीय किसान संघ ने 6 फरवरी को होने वाले किसान संगठनों के चक्का जाम को अपना समर्थन नहीं देने का फैसला किया है।
भारतीय किसान संघ ने किसान प्रदर्शन को कहा प्रौपेगैंडा
भारतीय किसान संघ के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने गुरुवार को एक समाचार एजेंसी से बात करते हुए कहा,
“दिल्ली की सभी सीमाओं पर चल रहा विरोध-प्रदर्शन अब राजनीतिक हो गया है। यह साफ दिख रहा है कि यह राजनीतिक प्रौपेगैंड़ा बन चुका है”।
उन्होंने कहा कि,
“पहले कनाडा के नेताओं ने किसानों के विरोध प्रदर्शन का समर्थन किया, फिर ब्रिटेन के नेताओं ने और अब दूसरे देश के सेलेब्रिटी कर रहे हैं। इससे साबित होता है कि यह भारत के खिलाफ प्रौपेगैंडा है, वे देश की शांति और सौर्हाद को बिगाड़ना चाहते हैं”।
RSS से जुड़े भारतीय किसान संघ के महासचिव बद्री नारायण चौधरी ने कहा है कि
“वो 6 फरवरी को नेशनल और स्टेट हाईवे को तीन घंटे जाम रखने के किसान संगठने के आह्वान का समर्थन नहीं करेंगे, क्योंकि किसानों का यह आंदोलन अब राजनीतिक प्रौपेगैंड़ा बन चुका है”।
किसानों ने कहा सरकार उत्पीड़न कर रहा है
बता दें कि इससे पहले किसान संगठनों ने 6 फरवरी को चक्का जाम करने की घोषणा सोमवार को की थी। किसानों ने ऐलान किया है कि वो आंदोलन स्थलों के आस-पास इंटरनेट बंद करने, अधिकारियों द्वारा कथित रूप से उत्पीड़न करने और तीन कृषि कानूनों के विरोध में तीन घंटों के लिए राष्ट्रीय और राज्य हाईवों को बंद करेंगे।
सयुक्त मोर्चा ने आरोप लगाया है कि केंद्रीय बजट 2021-22 में किसानों की अनदेखी की गई है, और उनके विरोध स्थलों पर पानी और बिजली की आपूर्ति को बंद कर दिया गया है।
किसानों के संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं ने सिंघू बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि वे छह फरवरी की दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक देश की सड़को पर चक्का जाम करेंगे।