राजनीति आजकल हर क्षेत्र में घुसी हुई है और कहीं न कहीं बड़े-बड़े दिग्गज भी इसके चपेट में आए हुए हैं। सामान्य लोगों को लगता होगा कि उनके ऑफिस या दफ्तरों में ही राजनीति होती है, लेकिन ऐसा नहीं है। बल्कि सिनेमा से लेकर क्रिकेट तक के बड़े क्षेत्रों में भी राजनीति का अपना अगल ही रूप दिखाई देता है। फिर चाह क्रिकेट के मैदान पर खिलाड़ियों कप्तानी या उपकप्तानी देना ही क्यों न हो। भारतीय टीम के सबसे सफल कप्तान एमएस धोनी (MS Dhoni) को भी कप्तानी उनकी योग्यता से नहीं मिली, बल्कि इसमें मास्टर ब्लाटर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) का बहुत बड़ा हाथ था। जिसके लिए उन्होंने अपने तीन खास दोस्तों के साथ भी धोखा किया था।
03.) हरभजन सिंह
टीम इंडिया के स्टार स्पिन गेंदबाज हरभजन सिंह (Harbhajan Singh) अपने आप में एक ब्रांड हैं, उनकी जादुई गेंदों के आगे तत्कालीन ऑस्ट्रेलियाई विस्फोटक बल्लेबाज मैथ्यू हैडिन और एडम गिलक्रिस्ट भी पानी भरते थे। 2007 के ओडीआई विश्व कप हारने के बाद जब तत्कालीन कप्तान राहुल द्रविड़ ने कप्तानी छोड़ी तो भज्जी एक बेहतर विकल्प थे, जिन्हें टीम का कप्तान भी बनाया जा सकता था।
लेकिन, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने तब बीसीसीआई के सामने एमएस धोनी का ही नाम कप्तान के रूप में रखा, तब सचिन तेंदुलकर की बात को टालने की हिम्मत बीसीसीआई में भी नहीं थी। लिहाजा माही को ही भारतीय टीम के सभी फॉर्मेट का कप्तान घोषित किया गया। हालाँकि, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) और हरभजन सिंह की दोस्ती भी विश्व विख्यात हैं।
02.) युवराज सिंह
भारतीय टीम के सबसे बेहतरीन ऑलराउंडर युवराज सिंह (Yuvraj Singh) विरोधीयों के लिए किसी खोफ से कम नहीं है, जब वे मैदान पर खड़े होते थे विपक्षी टीम की जीत को सुनिश्चित मान लेना अपने आप में एक भूल समान था। वे अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में महेंद्र सिंह धोनी से सीनियर थे और सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) के मित्र थे, दोनों के बीच 2003 के विश्व कप के समय से ही गहरी दोस्ती रही है।
वहीं माही खुद युवराज सिंह के बड़े फैन थे, उन्होंने कई बार इस बात को स्वीकार भी किया है। लेकिन पहले टी20 फॉर्मेट में युवराज सिंह के बजाए एमएस धोनी को कप्तान चुना गया, उसके बाद वनडे में भी राहुल द्रविड़ के बाद माही को कप्तान के रूप में नियुक्त किया गया। आज भी बहुत से क्रिकेट के दिग्गज इस बात को मानते हैं कि एमएस धोनी वास्तव में एक सफल कप्तान हैं, लेकिन युवराज सिंह उससे भी ज्यादा सफल कप्तान बनकर उभरते।
01.) वीरेंद्र सहवाग
गौरतलब है इस लिस्ट में सबसे पहले नंबर का नाम आपको हैरान करने वाला है, क्योंकि यह कोई ओर नहीं बल्कि (Sachin Tendulkar) सबसे करीबी दोस्त और उनके साथी सलामी बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग (Virender Sehwag) हैं। वर्ष 2007 में वीरू केवल भारतीय टीम का हिस्सा ही नहीं थे, बल्कि टीम इंडिया के उपकप्तान भी थे। उन्होंने उस टूर्नामेंट में बढ़िया प्रदर्शन भी किया था, टीम के अन्य खिलाड़ियों के साथ भी वीरू का तालमेल बहुत बढ़िया रह चुका है।
लेकिन, इतनी योग्यता होने के बावजूद भी उन्हें राहुल द्रविड़ के बाद कप्तानी नहीं दी गई। वहीं एमएस धोनी को कप्तानी मिलने के बाद वीरू और माही के बीच भी दरारों की खबरों को हवा मिलने लगी थी। दोनों यूं तो अच्छे दोस्त हैं, मगर इस मामले के बाद खबरें आने लगी की ड्रेसिंग रूम दोनों के बीच खटास थोड़ी गहरी हो गई है। कई बार वीरेंद्र सहवाग ने एमएस धोनी को लेकर विवादित बयान भी दिए हैं। इसके लिए दोषी भी किसी को नहीं माना जा सकता है।
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