Sanju Samson: भारतीय क्रिकेट टीम इन दिनों ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई है, जहां उसे मेजबान टीम के साथ तीन मैचों की वनडे और पांच मैचों की टी20 सीरीज खेलनी है। इस श्रृंखला के शुरू होने से पहले ही टीम इंडिया के स्टार विकेटकीपर बल्लेबाज संजू सैमसन (Sanju Samson) ने विजय हजारे वनडे टूर्नामेंट में तूफानी बल्लेबाजी कर सभी का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। इस टूर्नामेंट में सैमसन में विस्फोटक अंदाज में बल्लेबाजी आकृति हुए दोहरा शतक जड़ दिया है। तो आइए जानते है सैमसन की इस तूफानी पारी के बारे में विस्तार से…..
Sanju Samson ने खेली 212 रन की विस्फोटक पारी
दरअसल हम संजू सैमसन (Sanju Samson) की जिस पारी की बात कर रहे है, वो उन्होंने 12 अक्टूबर 2019 को विजय हजारे ट्रॉफी में खेली थी, जिसे भुलाना मुश्किल है। गोवा के खिलाफ खेले गए इस वनडे मुकाबले में केरल के कप्तान सैमसन ने केवल 129 गेंदों पर नाबाद 212 रन की विस्फोटक पारी खेली। उनकी इस पारी में 21 चौके और 10 छक्के शामिल थे। यह उस समय भारतीय घरेलू क्रिकेट के इतिहास में किसी भी बल्लेबाज का सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर था।
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कुछ ऐसा रहा मैच का हाल
यह मुकाबला बैंगलोर के अलुर मैदान पर खेला गया था। केरल ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया, लेकिन शुरुआती तीन विकेट सिर्फ 31 रन पर गिर गए। ऐसे में मैदान पर उतरे संजू सैमसन (Sanju Samson) ने जिम्मेदारी संभाली और साथी बल्लेबाज सचिन बेबी के साथ चौथे विकेट के लिए 338 रनों की ऐतिहासिक साझेदारी की। सचिन बेबी ने भी 127 रन की उम्दा पारी खेली। दोनों बल्लेबाजों ने मिलकर गोवा के गेंदबाजों की जमकर खबर ली और टीम को 50 ओवर में 377/3 के विशाल स्कोर तक पहुंचा दिया।
सैमसन की धुंआधार पारी के दम पर केरल ने यह मैच 104 रनों से जीत लिया। सैमसन की यह पारी न सिर्फ टीम के लिए बल्कि उनके करियर के लिए भी मील का पत्थर साबित हुई। इससे पहले घरेलू क्रिकेट में विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में इतनी बड़ी पारी किसी ने नहीं खेली थी।
125 गेंदों में जड़ा दोहरा शतक
संजू सैमसन (Sanju Samson) की पारी में हर तरह के शॉट देखने को मिले कवर ड्राइव, पुल, फ्लिक और लंबे छक्के। उन्होंने बेहद संयम के साथ शुरुआत की और फिर तेज़ गति से रन बनाए। 125 गेंदों में दोहरा शतक पूरा करने वाले सैमसन ने घरेलू क्रिकेट में सबसे तेज़ डबल सेंचुरी बनाने का रिकॉर्ड भी अपने नाम किया। उनकी बल्लेबाजी के सामने गोवा की गेंदबाजी पूरी तरह बिखर गई।
इस दोहरे शतक ने सैमसन को भारतीय क्रिकेट के बड़े सितारों की कतार में खड़ा कर दिया। उनकी इस ऐतिहासिक पारी ने उन्हें राष्ट्रीय चयनकर्ताओं की नजर में भी खास जगह दिलाई। यह प्रदर्शन दिखाता है कि सैमसन में न केवल विस्फोटक बल्लेबाजी की क्षमता है बल्कि मैच की स्थिति को समझकर खेल को आगे बढ़ाने की परिपक्वता भी है।
संजू सैमसन का यह दोहरा शतक आज भी विजय हजारे ट्रॉफी के इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय के रूप में दर्ज है। यह सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं थी, बल्कि भारतीय घरेलू क्रिकेट की ताकत और प्रतिस्पर्धा का प्रतीक भी बनी। उनकी यह पारी आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बनी रहेगी कि अगर जुनून और आत्मविश्वास हो तो कोई भी बल्लेबाज इतिहास रच सकता है।
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