Shaheed Diwas 2024 : हर वर्ष 23 मार्च के दिन भारत में शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है,इस दिन भारत का हर नागरिक हमारे देश के वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करता है। शहीद दिवस को साल में दो बाद मनाया जाता है,पहला 30 जनवरी को और दूसरा 23 मार्च को मनाया जाता है। 30 जनवरी के दिन ही नाथुराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दिया था,जिसके बाद उनके पुण्यतिथि के रूप में इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। ऐसे में कुछ लॉग के मन में यह सवाल उठ रहा है की 23 मार्च को शहीद दिवस (Shaheed Diwas 2024) दोबारा क्यों मनाया जाता है?
क्यों 23 मार्च को मनाया जाता है Shaheed Diwas 2024?
हर साल 23 मार्च को भी शहीद दिवस मनाया जाता है,इस दिन देश के नागरिक अपने वीर सपूतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते है। आखिर ऐसा क्या हुआ था 23 मार्च को जिसके कारण हर साल इस दिन शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है। आपको जनक्री के लिए बता दें इसी दिन 23 मार्च 1931 को भारत के वीर सपूत शहीद भगत सिंह,शहीद सुखदेव और शहीद राजगुरु हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए थे। इसी कारण इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, उनकी शहादत को भारत के नागरिक याद करते है। हर बार की तरह 23 मार्च को इस साल भी शहीद दिवस 2024 (Shaheed Diwas 2024) मनाया जाएगा।
Shaheed Diwas 2024 : तमाम तरह के किए जाते है आयोजन
शहीद दिवस के मौके पर पूरे भारत में सरकारी,गैर सरकारी संगठनों द्वारा कार्यक्रम आयोजित किए जाते है। इस दिन विभिन्न शिक्षण संस्थाओं में भी कई प्रकार के कार्यक्रम एवं निबंध लेखन,सार्वजनिक भाषण प्रतियोगिता के भी आयोजन किए जाते है। हर साल की तरह इस बार भी 23 मार्च 2024 को शहीद दिवस 2024 (Shaheed Diwas 2024) के दिन मातृभूमि के लिए प्राणों को न्योछावर करने वाले भारत के वीर सपूत शहीद भगत सिंह,शहीद सुखदेव थापर और शहीद शिवराम राजगुरु के कुरबानी को याद करते हुए देश के नागरिक उन्हे श्रद्धांजलि देंगे।
देश को आजाद कराने में इन तीनों क्रांतिकारियों को महान योगदान रहा है। जिस समय में यह तीनों वीर सपूतों ने भारत की आजादी के लिए हँसते-हँसते फांसी पर चढ़ गए उस समय शहीद भगत सिंह और सुखदेव की उम्र 23 वर्ष की थी,जबकि शहीद राजगुरु केवल 22 वर्ष के थे।
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