Shubman vs Stokes: भारत-इंग्लैंड के बीच चल रही पांच टेस्ट मैचों की सीरीज़ के शुरुआती दो मुकाबले सिर्फ खिलाड़ियों की परफॉर्मेंस ही नहीं, बल्कि दो युवा कप्तानों (Shubman vs Stokes) के फैसलों और नेतृत्व कौशल की भी असली परीक्षा बनकर सामने आए।
एक ओर गिल पहली बार टेस्ट कप्तानी कर रहे थे, जिन्होंने इतिहास रच दिया, वहीं दूसरी ओर इंग्लैंड के नियमित कप्तान बेन स्टोक्स थे, जिनकी रणनीति, और कप्तानी लगातार सवालों के घेरे में है..
रणनीति-कप्तानी: गिल की चतुराई बनाम स्टोक्स की उलझन
गिल बनाम स्टोक्स (Shubman vs Stokes) की इस लड़ाई में गिल ने अपने कप्तानी डेब्यू में ही जिस तरह से बुमराह और आकाशदीप को रोटेट किया, और सही समय पर गेंदबाजों को उपयोग में लाया — वह अनुभवी कप्तानों को भी पीछे छोड़ने जैसा था।
इसके उलट बेन स्टोक्स रणनीतिक तौर पर अभी तक भटके नजर आए। दोनों टेस्ट में उन्होंने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी करने का फैसला लिया, जबकि हालात बल्लेबाज़ी के लिए बेहतर थे। एजबेस्टन में भारत की 587 और 427/6 जैसी दो बड़ी पारियों के बाद स्टोक्स को अपनी रणनीति पर पछताना पड़ा।
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बल्ले से प्रदर्शन: शुभमन ने रचा इतिहास, स्टोक्स रहे फ्लॉप
शुभमन गिल ने कप्तानी के दबाव को ताकत में बदल दिया। उन्होंने पहले टेस्ट में 147 और दूसरे टेस्ट में दो पारियों में 269 व 161 रनों की ऐतिहासिक पारियां खेलीं। दो टेस्ट में 430 रन बनाकर उन्होंने Shubman vs Stokes की जंग में खुद को साबित किया।
वहीं स्टोक्स का बल्ला लगातार खामोश रहा। पहले टेस्ट में 20 और 33 रन, और दूसरे टेस्ट में एक बार तो शून्य पर आउट हो गए। पिछले दो साल से वह शतक नहीं लगा सके हैं और अब तक इस सीरीज में उनका औसत भी 25 से नीचे रहा है।
फील्ड पर निर्णय क्षमता और ऊर्जा: गिल चमके, स्टोक्स थके
गिल ने पूरे मैच में फील्ड प्लेसमेंट, गेंदबाज़ी बदलाव और मानसिक दृढ़ता के साथ लीड किया। उनकी ऊर्जा युवा खिलाड़ियों को प्रेरित करती दिखी। इसके विपरीत स्टोक्स खुद थकावट से जूझते नजर आए। उन्होंने पहले टेस्ट में 35 और दूसरे में 26 ओवर फेंके।
स्टोक्स ने खुद स्वीकार किया कि वो “अपने सामान्य रूप के साए मात्र” रह गए हैं। ऐसे में कप्तान की ऊर्जा का अभाव इंग्लैंड की फील्डिंग और गेंदबाज़ी दोनों में नज़र आया-जिसका फायदा टीम इंडिया और कप्तान गिल दोनों ने उठाया।
Shubman vs Stokes लड़ाई में अभी तक गिल आगे..
यदि दोनों टेस्ट मैचों में गिल बनाम स्टोक्स (Shubman vs Stokes) की बतौर कप्तानी तुलना की जाए तो गिल आगे दिखते हैं। जहां एक ओर गिल की कप्तानी में ताजगी, योजना और व्यक्तिगत प्रदर्शन दिखी, वहीं स्टोक्स की रणनीति, फॉर्म और नेतृत्व कमजोर कड़ी साबित हुए।
अगर अगली टेस्ट में इंग्लैंड को वापसी करनी है, तो स्टोक्स को आत्ममंथन कर कप्तान और बल्लेबाज़ दोनों रूपों में बड़ी भूमिका निभानी होगी। फिलहाल गिल इस सीरीज में कप्तानी की होड़ में स्टोक्स से कहीं आगे निकल चुके हैं।
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