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न शब्द सही और न ही मात्रा का ज्ञान, तेजप्रताप को अपने पिता का नाम लिखने भी नहीं आता

न शब्द सही और न ही मात्रा का ज्ञान, तेजप्रताप को अपने पिता का नाम लिखने भी नहीं आता

आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के बेटे तेज प्रताप ने तो पूरी हिंदी की ही ऐसी की तैसी कर दी. जप्रताप ने अपने पिता की सजा माफी के लिए सरकार से गुहार लगायी थी. उन्होंने इसके लिए महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से माफी मांगने के लिए पोस्टकार्ड में पत्र लिखा था, जिसमें इतनी अशुद्धियां हैं कि साधारण हिंदी जानने वाले भी इस पत्र को देखकर यही कहेंगे कि हिंदी तो शुद्ध से लिखना सीख लो.

आजादी पत्र में लिखा गलत नाम

आपकों बता दें कि तेज प्रताप यादव ने एक पोस्टकार्ड पर चंद लाइनें लिखकर राष्ट्रपति कोविंद से अपने पिता लालू यादव की सजा को माफ करने की मांग की है. बता दें कि उन्होंने इससे पहले सोशल मीडिया पर भी एक कैंपेन चलाया है, जिसमें लालू को सजा माफी और उनकी रिहाई की मांग की गई है. एम्स में इलाजरत लालू प्रसाद की हालत चिंताजनक बतायी जा रही है. इसी को देखते हुए तेजप्रताप उनकी रिहाई की मांग कर रहे हैं.

तेज प्रताप ने अपने पत्र में ‘आदरणीय श्री लालू प्रसाद जी की जगह ‘आपरणीय श्री लालु प्रसाद जी’ लिख दिया है. सिर्फ लालू ही नहीं, एक वाक्य में कई गलतियां लिखी हैं. जैसे ‘मसीहा’ को ‘मसिहा’ लिख दिया है. इसी तरह ‘मूल्य’ को ‘मुल्य’, ‘गरीबों’ को ‘गरीवों’, और ‘वंचित’ को ‘बंचित’ लिखा है.

यहीं ना रूका गलतियों का सिलसिला

इतने में ही तेजप्रताप की गलतियां नहीं रूकी. उन्होंने आगे भी कई शब्द अशुद्ध लिखा है. इस पत्र पर जहां राजद नेता और कार्यकर्ता उनकी इस मुहिम की सराहना कर रहे हैं वहीं उनकी गलतियों के लिए विपक्षी दलों के नेता उनका मजाक उड़ा रहे हैं. मालूम हो कि तेज प्रताप यादव 11वीं तक पढ़े हैं और 12वीं में फेल होने के बाद उन्होंने पढ़ाई छोड़ दी थी.

आपकों बता दें कि इससे पहले जब बिहार के राज्यपाल के तौर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शपथ ग्रहण के दौरान अशुद्ध उच्चारण के लिए तेज प्रताप को टोका था और अब आजादी पत्र नाम से भेजे गये पार्स्ट कार्ड में तेज प्रताप ने अपने पिता का नाम भी अशुद्ध लिखा है.

मेरा नाम दिव्यांका शुक्ला है। मैं hindnow वेब साइट पर कंटेट राइटर के पद पर कार्यरत...

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