Sunil Gavaskar: भारतीय क्रिकेट टीम ने आईसीसी टी20 वर्ल्ड कप 2024 का ख़िताब अपने नाम कर इतिहास रच दिया है। 2007 के बाद नीली जर्सी वाली टीम ने दूसरी बार टी20 वर्ल्ड कप की ट्रॉफी जीती है। हालांकि, इसके साथ ही टीम इंडिया के तीन दिग्गज खिलाड़ियों विराट कोहली, रोहित शर्मा और रविंद्र जडेजा ने सन्यांस का ऐलान कर दिया। अब पूर्व भारतीय खिलाड़ी सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने बड़ा बयान देते हुए कहा है कि भारत को टी20 वर्ल्ड कप जिताने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले खास शख्स को सरकार ने ‘भारत रत्न’ से सम्मानित करना चाहिए।
इस भारतीय को मिलना चाहिए सम्मान
74 साल के सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने मिड-डे के लिए लिखे अपने एक कॉलम में कहा कि टी20 वर्ल्ड कप जीतने के बाद सारी लाइमलाइट खिलाड़ियों ने बटोरी, लेकिन हेड कोच राहुल द्रविड़ और उनके सहयोगी स्टाफ की भी भारत की सफलता में बड़ी भूमिका रही। उन्होंने लिखा कि राहुल द्रविड़ को भारत सरकार ने भारत रत्न से सम्मानित करना चाहिए। आपको बता दें कि टी20 वर्ल्ड कप 2024 के साथ ही हेड कोच राहुल द्रविड़ का कार्यक्राल भी खत्म हो गया है। उनके स्थान पर गौतम गंभीर नए मुख्य कोच बन सकते हैं।
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क्या बोले Sunil Gavaskar
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने भारतीय क्रिकेट में राहुल द्रविड़ के योगदान को देखते हुए उन्हें भारत रत्न देने की मांग उठाई है। उन्होंने अपने लेख में लिखा,
“यह उचित होगा अगर भारत सरकार उन्हें भारत रत्न से सम्मानित करे। वह देश के महान खिलाड़ी और कप्तान थे, जिन्होंने वेस्टइंडीज में प्रसिद्ध श्रृंखला जीती थी, जब वहां जीतना वास्तव में कोई आसान काम नहीं था। वह उन तीन भारतीय कप्तानों में से एक थे, जिन्होंने इंग्लैंड में टेस्ट श्रृंखला जीती थी। राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष की अपनी प्रारंभिक भूमिका और फिर टीम इंडिया के हेड कोच के रूप में उनका कार्यक्राल काफी शानदार रहा।”
निस्वार्थ भाव से खेलते थे राहुल द्रविड़
सुनील गावस्कर (Sunil Gavaskar) ने कहा कि टीम इंडिया के लिए खेलते हुए राहुल द्रविड़ हर काम करने के लिए तैयार रहते थे। उन्हें जो जिम्मेदारी दी जाती थी, वे उसे बिना किसी हिचकिचाहट के निभाते थे। उन्होंने बताया,
“जब राहुल द्रविड़ खेलते थे तो वह सब कुछ करते थे, जो उनसे कहा जाता था। जब दिन के आखिर में कोई भारतीय विकेट गिरता था, तो वह बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरते थे। उनके लिए नाइट वॉचमैन की भूमिका नहीं थी, क्योंकि उनके अनुसार अगर टॉप आर्डर के बल्लेबाज दिन के अंतिम कुछ मिनट नहीं खेल सकते, तो निचले क्रम के बल्लेबाज से ऐसा करने की उम्मीद कैसे की जा सकती है?”
“जब राहुल से विकेटकीपिंग करने के लिए कहा जाता था, तो वह करते थे, क्योंकि इससे पिच और विरोधी टीम के अनुसार अतिरिक्त बल्लेबाज या गेंदबाज खिलाने में मदद मिलती थी। उन्होंने टीम में वह रवैया लाया, जो अगर यह जारी रहा, तो भारतीय टीम कई और ट्रॉफी और सीरीज जीतेगी।”
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