Cricketer: सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पूर्व रणजी ट्रॉफी क्रिकेटर (Cricketer) पर लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को रद्द कर दिया है। आपको बता दें, यह प्रतिबंध अगस्त 2021 में लगाया गया था। अदालत ने यह फैसला यह मानते हुए सुनाया कि इस क्रिकेटर को न्यायसंगत प्रक्रिया का पूरा अवसर नहीं दिया गया था। आइए आपको बताते है, आखिर क्या है पूरा मामला…..
क्या है पूरा मामला
दअरसल हम जिस रणजी क्रिकेटर (Cricketer) की बात कर रहे है, वो केरल के पूर्व रणजी ट्रॉफी क्रिकेटर संतोष करुणाकरण है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के पूर्व रणजी ट्रॉफी क्रिकेटर संतोष करुणाकरण पर केरल क्रिकेट एसोसिएशन (KCA) द्वारा लगाए गए आजीवन प्रतिबंध को रद्द कर दिया है।
साल 2019 में संतोश करुणाकरण ने केरल क्रिकेट एसोसिएशन के Ombudsman-cum-Ethics Officer के समक्ष एक याचिका दायर की थी। उन्होंने मांग की थी कि राज्य की सभी जिला क्रिकेट संघों (DCAs) में एक समान बाय-लॉज़ (नियमावली) लागू की जाए, जैसा कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त लोढ़ा समिति ने सिफारिश की थी।
हालांकि, अक्टूबर 2020 में Ombudsman ने उनकी याचिका खारिज कर दी। इसके बाद करुणाकरण ने केरल हाईकोर्ट का रुख किया, लेकिन वहां से भी उन्हें राहत नहीं मिली। कोर्ट ने उन्हें “unclean hands” वाला व्यक्ति बताते हुए उनके खिलाफ कड़ी टिप्पणी की, जिसके आधार पर केसीए ने अगस्त 2021 में उन पर आजीवन प्रतिबंध लगा दिया था।
यह भी पढ़ें: 3 भारतीय खिलाड़ी जो बिना शोर के टीम इंडिया से बाहर हो गए, कानों-कान किसी को खबर तक नहीं हुई
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
संतोष करुणाकरण (Cricketer) ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की, जहां जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की पीठ ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया। कोर्ट ने माना कि करुणाकरण को सुनवाई के दौरान पूरा अवसर नहीं मिला। वर्चुअल सुनवाई में तकनीकी बाधाओं के चलते वह अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पाए। उन्हें निर्णय की प्रति और कारण स्पष्ट रूप से नहीं बताए गए।
अदालत ने कहा कि KCA और हाईकोर्ट द्वारा किया गया फैसला अत्यधिक कठोर और अनुचित था। इसलिए, सुप्रीम कोर्ट ने आजीवन प्रतिबंध को रद्द करते हुए यह मामला फिर से Ombudsman-cum-Ethics Officer को सौंपा है, जो तीन महीनों में निष्पक्ष सुनवाई कर नया फैसला सुनाएंगे।
यह भी पढ़ें: 6,6,6,6,6,6,4,4,4…. 9वें नंबर पर उतरे शार्दुल ठाकुर ने मचाया कोहराम, 40 बॉल में जड़ डाला