69000 शिक्षक भर्ती में चयनित अभ्यर्थियों द्वारा महराजगंज के सांसद और विधायक को मांग पत्र सौंपा है। जिसमे सभी माननीय द्वारा बताया गया है कि अभ्यर्थियों द्वारा दिया गया मांग पत्र सरकार तक पहुँचाया जायगा और इसका जल्द से जल्द निवारण किया जाएगा। जल्द में सरकार द्वारा कराए गए इस भर्ती पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा कहा गया लगभग 37000 पद को छोड़कर बाकी पद पर भर्ती प्रक्रिया आगे बढ़ा सकती है। जबकि सरकार पूरे पदो पर भर्ती कराना चाहती है, जिसके लिये सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में संसोधन याचिका दायर की है। ।
अभ्यर्थियों का मांग-
जिसमे अभ्यर्थियों की मांग है कि सरकार के पास लगभग 51000 पद रिक्त है तो उन पदों को जोड़ कर 69000 सीटों के सापेक्ष 67867 चयनित सभी अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिया जाय साथ ही सुप्रीम कोर्ट में लंबित सभी मुकदमों का वरिष्ठ अभिवक्ताओ द्वारा पैरवी कराई जाए। जिसे प्रदेश के लाखो नौनिहालों को शिक्षक प्राप्त हो तथा 69000 युवाओ को रोजगार मिल सके। इस याचिका को देने में महराजगंज से महेंद्र, रजत, आलोक, कृष्णा, अमित,अरुण आदि अभ्यर्थी शामिल रहे।
योगी सरकार को सुप्रीमकोर्ट से राहत
सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि अब देश की हर परीक्षा में आंसर की को चैलेंज करने का एक ट्रेंड सा बन गया है, जो सही नहीं है। फैसले से प्रदेश की योगी सरकार को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने 12 जून को सिंगल बेंच के दिए गए फैसले पर रोक लगा दी थी जिसके बाद अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए।
तीन जून को दिए गए फैसले में लखनऊ खंडपीठ ने गलत प्रश्नों को यूजीसी पैनल के समक्ष भेजने की सिफारिश की थी। इसके बाद भर्ती प्रक्रिया के लिए हो रही काउंसलिंग रोक दी गई थी।
बता दें कि इस 69 हजार शिक्षक भर्ती को लेकर प्रदेश सरकार काफी उत्साहित थी लेकिन कानूनी पचड़े में फंसने से भर्ती रुकने की बातें कही जा रही थीं। अब कोर्ट के फैसले से प्रदेश सरकार को राहत मिली है।
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