Team India: आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का फाइनल मुकाबला न्यूजीलैंड को हराकर टीम इंडिया (Team India) ने जीत लिया है जहां गेंदबाजी से लेकर बल्लेबाजी में भारतीय खिलाड़ी ने पूरी तरह से शानदार प्रदर्शन किया और पहले मैच से लेकर फाइनल तक टीम के सभी खिलाड़ी अपने लय में नजर आए जिन्हें जिस भूमिका के लिए टीम में शामिल किया गया था,
उन्होंने मैनेजमेंट को निराश नहीं किया लेकिन इस बीच एक ऐसा खिलाड़ी भी मौजूद है जिसे स्क्वाड में तो मौका मिला लेकिन एक मैच के लिए भी प्लेइंग 11 में शामिल नहीं किया गया. ये खिलाड़ी पिछले 10-15 मैचों से केवल कुर्सी गर्म कर रहा है.
Team India: केवल बेंच गर्म कर रहा भारत का एक खिलाड़ी
हम टीम इंडिया के जिस खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं वाशिंगटन सुंदर है जिन्हें चैंपियंस ट्रॉफी में स्क्वाड का हिस्सा तो बनाया गया लेकिन प्लेइंग 11 से बाहर रखा गया. सुंदर को टीम में ऑफ स्पिन वेरिएशन के लिए जरूर चुना गया लेकिन उन्हें अपना कौशल दिखाने का मौका नहीं मिला.
इससे पहले कई मौके पर वाशिंगटन सुंदर ने अपने शानदार प्रदर्शन से टीम इंडिया (Team India) के लिए कमाल दिखाया है लेकिन चैंपियंस ट्रॉफी में उन्हें इस कारनामे को करने का मौका नहीं दिया गया.
इस कारण नहीं मिल पाया मौका
दरअसल चैंपियंस ट्रॉफी के लिए टीम इंडिया (Team India) के स्क्वाड में पांच स्पिनर्स को शामिल किया गया था जिसमें वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव, रवींद्र जडेजा और अक्षर पटेल ने पूरे टूर्नामेंट के दौरान शानदार प्रदर्शन किया. इन्हीं की बेहतरीन गेंदबाजी के चलते वाशिंगटन सुंदर को एक मैच की प्लेइंग 11 में भी मौका नहीं मिला.
इस टूर्नामेंट में देखा जाए तो कप्तान रोहित शर्मा और कोच गौतम गंभीर ने अपनी विनिंग कांबिनेशन के साथ ज्यादा छेड़छाड़ करना जरूरी नहीं समझा. यही वजह है कि वाशिंगटन सुंदर को टीम में नहीं लाया गया. भारत इस टूर्नामेंट में आठ टीमों में इकलौता देश था जिसने केवल 12 खिलाड़ियों के दम पर टूर्नामेंट में जीत हासिल की है.
इस बार रहे अनलकी
वाशिंगटन सुंदर बाए हाथ से बल्लेबाजी करते हैं और दाएं हाथ के ऑफ स्पिन गेंदबाज है. जो टीम इंडिया (Team India) के लिए रन भी बना सकते हैं और विकेट भी ले सकते हैं. इस खिलाड़ी ने हाल ही में कई सीरीज खेला है जिसमें शानदार प्रदर्शन के दम पर उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी में मौका मिला था, लेकिन यहां वह पूरी तरह से अनलकी साबित हुए इस कारण यहां उन्हें अपने आप को साबित करने का मौका नहीं मिल पाया.