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टीम इंडिया के दिग्गज स्पिनर ने किया संन्यास का ऐलान, 2 वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद BCCI ने हमेशा किया अपमान

Team India

आईपीएल की समाप्ति के बाद टीम इंडिया (Team India) के कई खिलाड़ी अब आगामी शेड्यूल को लेकर तैयारी में जुट चुके हैं. वहीं इसी बीच भारत के एक अनुभवी स्पिनर ने अपने संन्यास के ऐलान से हर किसी को हैरान कर दिया है, जिसने कई मौके पर भारत को चैंपियन बनाने का काम किया.

इस खिलाड़ी ने क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास की अचानक घोषणा कर दी, जहां 35 साल की उम्र में अपने इंस्टाग्राम पर एक भावुक पोस्ट के माध्यम से उन्होंने इस बात का ऐलान किया, जिसके साथ इस खिलाड़ी ने दो दशक से अधिक के अपने पेशेवर करियर को यहां समाप्त करने का फैसला लिया.

Team India के दिग्गज स्पिनर ने किया संन्यास का ऐलान

हम यहां टीम इंडिया के जिस अनुभवी और दिग्गज खिलाड़ी की बात कर रहे हैं वह कोई और नहीं लेग स्पिनर पीयूष चावला हैं, जो धोनी की कप्तानी वाली 2007, 2011 वर्ल्ड कप विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं. संन्यास की घोषणा करते हुए पीयूष ने अपने क्रिकेट के उस यादगार पल को याद किया और कहा कि यह अनुभव हमेशा मेरे दिल में रहेगा.

वह मैदान से जरूर दूर जा रहे हैं, लेकिन क्रिकेट हमेशा उनके साथ रहेगा. क्रिकेट से उन्होंने जो सीखा है, उसे वह हमेशा याद रखेंगे आपको बता दें कि टीम इंडिया के साथ-साथ आईपीएल में भी पीयूष चावला ने पंजाब किंग्स, कोलकाता नाइट राइडर्स, चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस जैसी टीमों के साथ खेला है.

दो वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद बीसीसीआई ने हमेशा किया अपमान

साल 2007 में जब भारत ने टी-20 वर्ल्ड कप और 2011 में वनडे वर्ल्ड कप जीता था तो पियूष टीम इंडिया (Team India) का हिस्सा रहे. भारत के लिए दो वर्ल्ड कप जीतने के बावजूद भी पीयूष चावला को टीम में उतने मौके नहीं मिले जितने मौके पाने के वे काबिल थे. लगातार टैलेंट होने के बावजूद भी बीसीसीआई द्वारा इस खिलाड़ी की अनदेखी करने का ही नतीजा है कि पीयूष चावला को आखिरकार अपने करियर का अंत करना पड़ा.

इस खिलाड़ी ने क्रिकेट में कई उपलब्धियां हासिल की है, जिन्होंने वनडे में 25 मैच में 32 विकेट, 7 टी-20 मैचो में चार विकेट और आईपीएल में 181 मैचो में 179 विकेट लेने का काम किया है. यह बात बहुत कम लोग जानते हैं कि पीयूष चावला आईपीएल के इतिहास में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले खिलाड़ियों में से एक रहे हैं.

उतार-चढ़ाव भरा रहा क्रिकेट करियर

साल 2006 में भारत के लिए टेस्ट क्रिकेट में डेब्यू करने वाले पीयूष चावला को निरंतर टीम (Team India) में मौके नहीं मिले. वह हमेशा टीम से अंदर- बाहर होते रहे. साल 2012 में पीयूष चावला ने अपना आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच खेला था. इस वक्त जिस तरह मैनेजमेंट युवा और प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका दे रही है, वैसे में अब पीयूष चावला जैसे खिलाड़ियों के पास संन्यास के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है.

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