Team India: भारत ने रांची में खेले गए 5 मैचों की टेस्ट सीरीज के चौथे मुकाबले में इंग्लैंड को 5 विकेट से हरा दिया है। इसके साथ ही टीम इंडिया ने इस सीरीज में 3 – 1 से अजेय बढ़त हासिल कर ली है। देशभर में टीम इंडिया (Team India) की इस शानदार जीत का जश्न मनाया जा रहा है। मगर दूसरी तरफ भारतीय क्रिकेट (Indian Cricket) के लिए एक बेहद दुःख भरी खबर सामने आई है। भारत में क्रिकेट को आम जन के बीच लोकप्रिय बनाने वाले दिग्गज का निधन हो गया है। आइये आपको बताते हैं कि कौन है ये दिग्गज और कैसे इसमें भारत में क्रिकेट की जड़ें मजबूत करने में अपना योगदान दिया।
क्रिकेट से जुड़े इस दिग्गज का हुआ निधन
रेडियो के मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर मुरली मनोहर मंजुल (Murli Manohar Manjul) का 91 वर्ष की आयु में निधन हो गया है। उन्होंने रविवार, 25 फरवरी की शाम जयपुर में अंतिम सांस ली। उनका अंतिम संस्कार सोमवार को जयपुर के मानसरोवर में किया जाएगा। मंजुल अपने पीछे परिवार में पत्नी के अलावा एक पुत्र और एक पुत्री को छोड़ गए हैं।
अगर आपने भी 90 के दशक में आकाशवाणी की क्रिकेट कमेंट्री का आनंद उठाया है, तो आपको भी मुरली मनोहर मंजुल (Murli Manohar Manjul) की धाराप्रवाह कमेंट्री जरूर याद होगी। उन्होंने 70 के दशक से क्रिकेट में कमेंट्री करनी शुरू की, जो 90 का दशक आते आते हर घर में सुनाई देने लगी।
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हिंदी कमेंट्री को दिलाई पहचान
शुरुआती दौर में समझा जाता था कि क्रिकेट एक इंग्लिश खेल और इसकी कमेंट्री सिर्फ इंग्लिश भाषा में ही की जा सकती है, लेकिन मुरली मनोहर मंजुल ने इस धारणा को गलत साबित कर दिया। उन्होंने हिंदी भाषा में अपनी लयबद्ध कमेंट्री से क्रिकेट को खेल को भारत के घर – घर तक पहुंचाया, जिससे इस खेल की जड़ें मजबूत हुई।
मंजुल ने 1957 में आकाशवाणी से जुड़े थे, लेकिन शुरुआत में उनका खेलों से कोई लेना देना नहीं था। मगर समय के साथ हालत और परीस्थितियों के चलते वे क्रिकेट से जुड़े। पहले वे रणजी ट्रॉफी का अपना आंखों देखा हाल बताते थे और फिर 1972 में उन्होंने इंटरनेशनल क्रिकेट की कमेंट्री भी शुरू कर दी।
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