उत्तर प्रदेश के कानपुर का खुफिया बदमाश विकास दुबे जिसने 8 पुलिसकर्मियों की हत्या की थी, उसने अपनी जिंदगी में हमेशा ही गरीब, मजबूर और लाचार लोगों को अपना निशाना बनाया। हाल ही में इसी तरह का एक मामला बिल्हौर एसडीएम के सामने आया है । यहां पर एक महिला की नाबालिग बेटी लगभग 1 साल से गायब है। महिला ने इसके लिए एफ आई आर दर्ज करवा दी है, जिसमें तहरीर में अपहरणकर्ता का नाम लिखवाया गया तो विकास दुबे ने उसे जान से मारने की धमकी दी थी।
महिला इतना ज्यादा लाचार हो गई थी कि, उसने फिर दोबारा एफ आई आर दर्ज करवाने की भी कोशिश नहीं की। इसके अलावा महिला पति की जमीन पर बेटी का नाम वरासत में दर्ज करवाने के लिए भी काफी कोशिशें कर रही थी, लेकिन यह भी नहीं संभव हो सका। जिसके बाद से महिला काफी ज्यादा परेशान है।
काम शुरू होते ही गायब हो गई बेटी
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला मदारी पुरवां गांव बिहार निवासी महिला की है, जिसके पति की मौत साल 2016 में ही हो गई थी। उसके पति की मौत के बाद जमीन पर वसीयत दर्ज करवाने के लिए महिला ने अपनी नाबालिग बेटी के नाम से तहसील बिल्हौर में अर्जी भी दर्ज करवाई थी। पूरे मामले को लेकर फाइल का काम भी शुरू हो गया था और उसमें मां और बेटी के बयान भी दर्ज करवा लिए गए थे, बाकी संबंधित लेखपाल का बयान दर्ज होना रह गया था। इन सबके चलते अचानक ही महिला की बेटी 1 दिन गायब हो गई।
19 दिसंबर 2019 को जब पीड़िता की नाबालिग बेटी शौच के लिए बाहर गई थी, तो वह अचानक ही लापता हो गई। महिला ने उसे खोजने का बहुत प्रयास भी किया लेकिन उसकी बेटी का कोई भी पता नहीं चला। फिर महिला ने अपनी बेटी के अपहरण का आरोप लगाते हुए गांव की एक अन्य महिला और पुलिस पर एफ आई आर भी दर्ज करवाने की कोशिश की थी।
विकास दुबे ने दी जान से मारने की धमकी
महिला की मानें तो जब तक वह रिपोर्ट दर्ज करवा पाती उससे पहले ही आरोपी विकास दुबे ने उसे जान से मारने की धमकी दे दी थी। जिसके बाद पुलिस ने भी मामले पर कोई सुनवाई नहीं की और उसकी बेटी आज तक बारासत में नाम नहीं दर्ज करवा पाई। मामला सामने आने के बाद डीएम ने एसडीएम को जांच के आदेश भी दे दिए हैं और साथ ही पूरे मामले की कार्यवाही करने के लिए भी निर्देश दिए हैं। निर्देशानुसार पूरे मामले की कार्यवाही शुरू हो चुकी है।