वो कहते है ना जीवन में मंजिल तक पहुंचने के लिए हिम्मत रखना बेहद जरूरी होता है, भले ही कितनी भी मुसीबतों का सामना करना पड़े लेकिन हिम्मत करने वालों की हार नहीं होती। तो क्या ये माने कि विराट कोहली(Virat Kohli) की हिम्मत अब टूट गई है? ऐसा हम नहीं बोल रहें बल्कि खुद विराट कोहली (Virat Kohli) ने इस बात का ऐलान किया हैं। जी हां पहले टी-20,फिर वनडे और अब टेस्ट मैच से कप्तानी छोड़कर विराट कोहली (Virat Kohli) ने अपने कप्तानी कार्यकाल का अंत कर दिया हैं। इसके साथ ही जाहिर तौर पर सवाल उठने लगे हैं कि जिस टेस्ट फॉर्मेट में कोहली ने टीम इंडिया को ऊंचाईयों पर पहुंचाया, उससे उन्होंने अचानक इस्तीफा क्यों दे दिया हैं?
7 साल बाद Virat Kohli ने छोड़ी टेस्ट टीम की कप्तानी
सितंबर महीने की 16 तारीख जब विराट कोहली ने अपनी एक बात से सभी लोगों को चौंका दिया था। विराट कोहली ने कहा था कि वह टी20 टीम की कप्तानी छोड़ने वाले हैं। कोहली ने कहा था कि टी20 वर्ल्ड कप के बाद वह इस फॉर्मेट की कप्तानी भी छोड़ देंगे। और उसके ठीक चार महीने बाद यानी 15 जनवरी को कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने का भी ऐलान भी कर दिया हैं।
एकछत्र सत्ता खत्म
विराट कोहली (Virat Kohli) ने टी20 वर्ल्ड कप के साथ ही इस फॉर्मेट में टीम की कप्तानी से इस्तीफा देने का फैसला किया था। जिसको लेकर 4 महीने बाद विराट कोहली (Virat Kohli) ने टेस्ट कप्तानी से भी इस्तीफा ले लिया है। हाल ही में उन्होंने एक ट्वीट कर इसकी जानकारी दी।
— Virat Kohli (@imVkohli) January 15, 2022
इस सफर में काफी उतार चढ़ाव देखने को मिले हैं, लेकिन कोशिश में किसी ने भी कोई भी कसर नहीं छोड़ी है. मैंने हमेशा अपना 120 फीसदी देने की कोशिश की है, मैंने हमेशा अपना 120 फीसदी देने की कोशिश की है, अगर मैं कुछ नहीं कर सकता हूं तो मैं समझता हूं कि मेरे लिए वह चीज़ सही नहीं है बता दें कोहली टेस्ट में कप्तानी जारी रखना चाहते थे, लेकिन बोर्ड ने वनडे की कप्तानी उनसे छीन ली और रोहित शर्मा को कमान सौंप दी। जाहिर तौर पर टीम में रोहित के पहले से ज्यादा बढ़ते कद और जिम्मेदारी से कोहली की लंबे समय से चली आ रही एकछत्र सत्ता बिखर गई।
Virat Kohli का BCCI के साथ विवाद
वनडे कप्तानी छिनने के साथ ही विराट कोहली और बीसीसीआई के बीच विवाद खुलकर सामने आ गया. बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने दावा किया था कि उन्होंने कोहली से टी20 कप्तानी नहीं छोड़ने को कहा था, जिसके जवाब में कोहली ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलकर इसे गलत बताते हुए बोर्ड से दुश्मनी मोल ले ली थी।बोर्ड का सपोर्ट कोहली के लिए पूरी तरह खत्म हो गया.टी-20 के कप्तानी से इस्तीफा देने के बाद बोर्ड ने Virat Kohli से वनडे की कप्तानी भी उनसे छीन ली। इस घटना के बाद दोनों के रिश्तों में खट्टास आ गयी। Virat Kohli के टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ने के साथ उनके एक सफल कार्यकाल का भी अंत हो गया हैं।
विराट का बल्ला भी पड़ा सूखा
Virat Kohli ने काफी लम्बे समय से अपने टीम के लिए कोई बड़ी पारी नहीं खेली हैं। क्रिकेट के तीनों ही फॉर्मेट में उनका बल्ला सूखा पड़ता नजर आ रहा है। वनडे और टी-20 वल्ड कप में हार के बाद से ही परिस्थितियां Virat Kohli के खिलाफ जाने लगी थी।और विराट कोहली का दमदबा भी असफल नजर आ रहा था। इतना ही नहीं साउथ अफ्रीका के साथ टेस्ट सीरीज में मिली हार से परिस्थतियां और भी ज्यादा खराब होता हुआ दिखाई देने लगा।
कोच बदलने से बदले समीकरण
टी20 वर्ल्ड कप 2021 में टीम इंडिया की पहले राउंड में हार के साथ ही मुख्य कोच रवि शास्त्री का कार्यकाल भी समाप्त हो गया। दरअसल कोच रवि शास्त्री और कप्तान विराट कोहली ने मिलकर टीम इंडिया को ऊंचाईयों की बुलंदियों तक पहुंचाया था। दोनों की जोड़ी को एक अच्छा सपोर्ट माना जाता था, लेकिन विराट कोहली (Virat Kohli) के जाने के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल भी खत्म हो गया। उनकी जगह राहुल द्रवि़ड़ को कोच बनाया गया और यह स्पोर्ट सिस्टम बिखर कर चूर हो गया।