कहा जाता है कि शादी में अगर फूफा और जीजा नाराज ना हो तो शादी ही पूरी ना होती है, ऐसा ही कुछ अलीगढ़ में देखने को मिला, लेकिन हर शादी में तो जैसे तैसे गुस्से के बाद शादी संपन्न होकर दुल्हन की बिदाई हो जाती है पर इस शादी में गुस्सा तो हो ही गई , लेकिन दुल्हन की बिदाई भी नहीं कराई गई। आइए जानते हैं क्या है पूरी कहानी……
नाराज हो गए बाराती
बुलंदशहर के खुर्जा से बुधवार रात्रि में जवां के सिकंदरपुर कोटा में बारात आई थी। शादी की रस्म अदायगी भी लगभग पूरी हो चुकी थी। मेहमान डीजे पर नाच-गाना कर रहे थे। इसी दौरान जब दूल्हे के बहनोई खाना खाने लगे तो उनको खाना स्वादहीन लगा। इस पर उन्होंने कमेंट करते हुए ससुराल पक्ष के लोगों के समक्ष नाराजगी जतायी।
दुल्हन का भाई आया और समझाने का प्रयास करने लगा, लेकिन बहनोई समझने को तैयार नहीं हुए। देखते ही देखते मेहमान एकत्रित हो गए। डीजे भी बंद कर दिया गया। बहनोई व दुल्हन के भाई में मारपीट की नौबत आ गई। मामला बढ़ता देख दुल्हन पक्ष के लोगों ने पुलिस बुला ली। थोड़े समय में बाद ही समारोह में पुलिस का सायरन सुनाई देने लगा।
पुलिस पहुंची और मौके पर ही दोनों पक्षों को समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे नहीं माने तो दूल्हे, दूल्हे के बहनोई व दुल्हन के भाई को थाने ले गई। वहां भी दोनों पक्ष आपस में उलझते रहे। बाद में परिवार के संभ्रांत लोग थाने पहुंचे और प्रयास किया कि शादी न टूटे, लेकिन दुल्हन पक्ष ने शादी से इंकार कर दिया। बाद में बारात बिना दुल्हन के लौट गई।
दुल्हन के घरवालों ने तोड़ा रिश्ता
दुल्हन पक्ष की ओर से बारातियों के विरुद्ध नामजद तहरीर दी गई थी। पुलिस मामले में लिखा पढ़ी करने की तैयारी कर रही थी। लेकिन बाद में दोनों पक्षों में समझौता हो गया और यह तय हुआ कि दूल्हा पक्ष को समारोह में खर्चे का भुगतान करना होगा। दूल्हे पक्ष के इस पर सहमति जताने के बाद दोनों पक्षों को थाने से भेज दिया गया।
अभय शर्मा, एसओ, थाना जवां ने बताया कि जवां के गांव सिकंदरपुर में खुर्जा से बारात आई थी। लेकिन समारोह में दूल्हे के बहनोई को खाना पसंद नहीं आया। इस पर दोनों पक्षों में विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि शादी तक टूट गई। बारात को बिना दुल्हन लौटना पड़ा।