देश इस समय कोरोना वायरस की दूसरी लहर को झेल रहा है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार अभी भारत में दूसरी लहर का पीक नहीं आया है। इस बीच तीसरी लहर के आने की बातें भी होने लगी हैं। ऐसे में इस सिचूऐशन से निपटने का एक मात्र साधन टीकाकरण नजर आ रहा है। सरकार यही चाहती है कि जल्द से जल्द पूरे देश की जनता को कोरोना का टीका लग जाए।
80% कारगार है भारतीय वैक्सीन
कोरोना का टीका आपको इस वायरस से बचने की गारंटी नहीं देता है, लेकिन इसे लगवाने के बाद यदि आपको कोरोना होता भी है तो उसके लक्षण गंभीर नहीं हल्के फुल्के होंगे। इसलिए कोरोना का टीका लगवाना एक अच्छा आइडिया है। टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में जो कोरोना का टीका लगाया जा रहा है वह बीमारी की गंभीरता और ठीक होने के समय को कम करने में 80 प्रतिशत तक कारगर है।
अब 18 साल से ऊपर के लोगों का टीकाकरण भी शुरू हो गया है। ऐसे में आप में से कई लोग भी इसका रजिस्ट्रेशन करवाएंगे या कर चुके होंगे। लेकिन आपका नंबर आने के पहले ही यदि आपको कोरोना हो जाए तो यह टीका कब लगवाना चाहिए? यह एक ऐसा सवाल है जो कई लोगों के मन में आता है। दरअसल कोरोना मरीज को अपनी बीमारी से पूरी तरह रिकवर होने के बाद ही टीका लगवाना चाहिए।
कोरोना से रिकवर होने के कितने दिन बाद लगवाएं टीका?
इस संबंध में हुई रिसर्च के मुताबिक कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति को संक्रमण से रिकवर होने के दो से चार हफ्ते बाद ही कोरोना का टीका लगवाना चाहिए। दरअसल एक बार जब आप कोरोना से रिकवर होते हैं तो आपके शरीर में अपने आप ही नेचुरल इम्यूनिटी (Natural immunity) बन जाती है। इस इम्यूनिटी की लाइफ 90 से 180 दिन तक होती है। इसकी अवधि अलग अलग व्यक्तियों में भिन्न भिन्न हो सकती है। ये इस बात पर भी निर्भर करता है कि आपको इस प्रकार का इंफेक्शन हुआ था।
6 महीने बाद ही लगवाएं टीका
एक बार आप कोरोना से ठीक हो जाते हैं तो आपको अपने शरीर की नेचुरल इम्यूनिटी के खत्म होने का इंतजार करना चाहिए। यदि आप इसके पहले ही कोरोना का टीका लगवा लेते हैं तो ये ज्यादा असरदार नहीं होगा। यह टीका तब बेहतर तरीके से काम करता है जब आप इसे नेचुरल इम्यूनिटी कमजोर होने पर लगवाते हैं। मान लीजिए आपको कोरोना का पहला डोज लग चुका है और आप दूसरा डोज लगने के पहले ही संक्रमित हो जाते हैं। इस स्थिति में आपको रिकवार होने के दो हफ्ते बाद दूसरा डोज लगवाना चाहिए।